Lord's Desire / ईश्वर की इच्छा

Lord's Desire / ईश्वर की इच्छा 

हे अज्ञान में पड़े लोगों ! किसी भी काम को करने के लिए आप योजना बनाते हो और काम करने चल देते हो । जब आप असफल हो जाते हो तो निराश हो कर बैठ जाते हो और कहते हो कि ईश्वर मेरी सुनते ही नहीं हैं । मेरे किस्मत  में सफलता है ही नहीं । 
किसी योजना को बनाने से पहले क्या आप जानने की  कोशिश करते  हो कि ईश्वर की  इच्छा क्या है ? जब आप ईश्वर की इच्छा के विरूद्ध काम करोगे तो काम में असफल होना ही है । अगर  यदि आप यह कहते हो कि मैं ईश्वर की  इच्छा पर चलूँगा तो इसके लिए आपको यह जानना जरुरी है कि ईश्वर की इच्छा क्या है ?   बिना ईश्वर की इच्छा को जाने आप ईश्वर की इच्छा पर कैसे चलोगे ? धर्मशास्त्र, इफिसियों 5:17 यह कहता है कि  मूर्ख मत बनो बल्कि यह जानो कि ईश्वर की इच्छा क्या है ?  कई बार आप ईश्वर पुत्र से पूछते हो कि ईश्वर की इच्छा क्या है बताइए ; जब ईश्वर पुत्र ईश्वर की इच्छा बताते हैं तो आप सुन तो लेते हो परन्तु आप करते वही हो जो आपका अपना मन कहता है । ईश्वर पुत्र जिस काम के लिए आपको मना करता है आप उसी काम को करते हो और ईश्वर से आशीष माँगते हो कि हमें आशीष दो ; तो क्या ईश्वर आपको आशीष दे देंगे ?  परमेश्वर की आत्मा जब भी आपको मना करती है  आप उनकी बातों को अनसुना करके अपने मन के अनुसार काम करते हो । केवल पूछने के लिए आप ईश्वर पुत्र के पास जाते हो पर ईश्वर पुत्र का जबाब क्या है आप मानते नहीं हो । ईश्वर ऐसे बेटे को क्या कहते हैं ? नालायक । आप ये बताओ कि क्या कोई बाप अपने नालायक बेटा की इच्छा को पूरा करता है ?  
ईश्वर ने आपको अपनी आत्मा क्यों दिया है ? इसलिए कि आप ईश्वर की इच्छा  को जानें और वह आपको सत्य और वास्तविकता की दुनिया में ले कर जाएँ  । इसलिए ईश्वर मनुष्य वेश रच कर आपको मार्गदर्शन करने के लिए धरती पर आए । 
हे अज्ञान में पड़े लोगों ! इस संसार के जैसा मत बनो । तुम्हारे मन को नए हो जाने के साथ - साथ तुम्हारा   चाल - चलन भी बदल जाना चाहिए जिससे कि ईश्वर की अच्छी, मन भावन और सिद्ध इच्छा को अनुभव से मालूम करते रहो । (धर्मशास्त्र, रोमियों 12:2) और ईश्वर की जो इच्छा हो उसकी इच्छा को पूरा करो चाहे आपकी इच्छा हो या न हो । 
ईश्वर आपके लिए कभी बुरा नहीं चाहता है । ईश्वर आपके जीवन में कई चीजों को करना चाहते हैं ; वे आपके जीवन में आशीष लाना चाहते हैं ; वे आपके आंशुओं को पोछना चाहते हैं ; वे आपके जीवन में उन्नति लाना चाहते हैं;  वे आपको सभी विमारियों से मुक्त करना चाहते हैं ; वे आपके घर में शांति लाना चाहते हैं ; वे आपको हर मुश्किल से बहार निकालना चाहते हैं । लेकिन जब आप अपने जीवन में ईश्वर को हस्तक्षेप करने नहीं दोगे तो यह काम किस प्रकार सम्पन्न होगा ?  जो मनुष्य यह जानना चाहता है कि ईश्वर की इच्छा क्या है उसके लिए ईश्वर पुत्र यह कहता है कि ईश्वर का वचन ही ईश्वर कि इच्छा है । 
धर्मशास्त्र, यूहन्ना 9:31 यह कहता है कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता परन्तु यदि कोई उनका भक्त हो और वह उसकी इच्छा पर चलता हो तो  वह उनकी सुनता है । धर्मशास्त्र, मत्ती  7:21 यह कहता है कि जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक ईश्वर  के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही ईश्वर  के राज्य में प्रवेश करेगा जो ईश्वर की इच्छा पर चलता है।

Post a Comment

और नया पुराने