18 मई 2016 को रोहिणी सेक्टर - 5 में धूम - धाम से कल्कि जयंती मनाया गया। आदि श्री अरुण जी ने भक्तजनों से कहा कि "क्रोध कागज का लिवास है। कागज का लिवास तुम मत पहनो। जिस व्यक्ति ने कागज का लिवास पहन रखा है वे अपना कागज का लिवास उतार दें । अगर प्रेम की वर्षा आएगी तो खुद को कहाँ छिपाओगे ? प्रेम मेरा हकीकत है, प्रेम मेरा स्वभाव है, प्रेम मेरी सच्चाई है, प्रेम मेरा रोशनी है, प्रेम मेरा जीवन है, प्रेम मेरा उपहार है, प्रेम मेरा सन्देश है, प्रेम मेरा हथियार है, प्रेम मेरी प्यास है, प्रेम मेरी तृप्ति है और प्रेम हर दुखों की दवा है।"
रोहिणी सेक्टर - 5 में धूम - धाम से कल्कि जयंती मनाया गया
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