Chanting God's Name
ईश्वर का नाम जप
ईश्वर का नाम जप
कलियुग केवल नाम आधारा । सुमरि - सुमरि नर उतरहिं पारा ।।
महर्षि बाल्मीकि जी ने कहा कि कलियुग में केवल नाम ही आधार है । कलियुग में केवल श्रीहरि का नाम सुमिरन करके लोग संसार समुद्र से पार उतर जाएँगे ।
लेकिन दुःख कि यह बात यह है कि वर्तमान समय के संत, ऋषि एवं गुरुओं को मालूम ही नहीं है कि कलियुग में श्रीहरि का नाम क्या है ? तो वे अपने अनुयाइयों को श्रीहरि का नाम बताएँगे क्या और वे कैसे भव से पार उतरेंगे ?
त्रेता युग में रामावतार होने से पहले महर्षि बाल्मीकि जी को मालूम था कि त्रेता युग में श्रीहरि का नाम श्री राम चंद्र है और उन्होंने रामावतार से पहले रामायण लिख दिए ।
द्वापर युग में कृष्णावतार से पहले गर्ग ऋषि को मालूम था कि श्रीहरि का नाम क्या है और उन्होंने कंस से छिप कर अपनी कुटिया में श्रीहरि का नाम श्री कृष्ण चंद्र रख दिए ।
कलियुग में अपने को ब्रह्मज्ञानी कहने वाले, अपने को तत्वदर्शी कहने वालों का आध्यात्मिक ज्ञान और यौगिक शक्ति क्या क्षीण हो गई है जो कि उन्हें मालुम ही नहीं है कि कलियुग में श्रीहरि का नाम क्या है ? केवल जानते हैं कल्कि अवतार , लेकिन कल्कि अवतार का नाम क्या है क्या उनको मालुम है ?
आदिश्री ने कहा कि यदि नामी का नाम मालूम हो और नामी सामने मौजूद नहीं हो तो नाम जप करके उनको बुलाया जासकता है जा सकता है ; लेकिन यदि नामी सामने मौजूद हो और उनका नाम ही नहीं मालूम हो तो आप उनको कैसे बुलाएँगे और वे आपके पास कैसे आएँगे ?
इसलिए पहले भगवन कल्कि जी का नाम पूछ-ताछ कीजिए और उनका नाम जानने के बाद उनके नाम का संकीर्तन कीजिए तो आप भव-सागर से पार उतर जाएँगे ।