आदिश्री का महा उपदेश, भाग - 14
( आदिश्री अरुण )
हे भ्रम में पड़े लोगों ! यह सत्य है कि एक दिन सबको मरना है । गीता 2 : 27 में ईश्वर ने कहा कि "मान्यता के अनुसार जन्मे हुए की मृत्यु निश्चित है और मरे हुए का जन्म निश्चित है।" परन्तु इस सत्य को जानने के बाद भी सब अमर रहना चाहे हैं । आप भी हमेशा जीवित रहना चाहते होंगे । आप अपने बेटा और बेटा के भी बेटा को आनंदित करना चाहते होंगे । अपने व्यापार को भी दिन दूना रात चौगुना बढ़ते रहना देखना चाहते होंगे , परन्तु वेद के ज्ञाता और विद्वानों ने तो यही कहा है कि कोई भी अमर नहीं है। सभी प्राणी मरणशील हैं । प्रत्येक मनुष्य को किसी न किसी रूप में कोई रोग, विनाश या मृत्यु उनको पकड़ ही लेंगे। परन्तु यदि मैं आपसे यह कहूँ कि आप अमर हो सकते हैं तो क्या आप्० मेरा विश्वास करेंगे ? आप अमर कथा का नाम सुने होंगे। भगवान शिव पारवती जी को अमर कथा सुनाने पहाड़ कि गुफा में ले गए थे । निन्द आ जाने के कारण पारवती जी तो सुन न सके परन्तु दो कबूतर ने अमर कथा को सुन लिया और अमर हो गया। वह गुफा आज अमर नाथ के नाम से प्रसिद्द है । मेरे पास भी अमर कथा है । यदि आप सुनेंगे तो आप भी अमर हो जायेंगे । लेकिन इस अमर कथा को मैं केवल उसी व्यक्ति को सुनाऊंगा जो हमारा कहना मानेंगे और ईश्वर के द्वारा सुनिश्चित कए गए मार्ग पर चलेंगे । क्या आप इस अमर कथा को सुनेंगे ?