आज का दर्पण
(आदिश्री अरुण)
जीतनी लगन और प्यार से
लोग अपने परिवार के लिए
मकान बनवाते हैं
उसी मकान और परिवार में
लोग प्यार से रहना भूल जाते हैं
रिश्तों को इस तरह से
बस बचा लिया कर
कभी मान जाया कर
कभी मना लिया कर
वक्त निकाल कर
अपनों से मिला करो
अगर अपने हो न होंगे
तो क्या करोगे वक्त का
कुछ पल बैठ जाया करो माँ - बाप के पास
हर चीज नहीं मिलता मोबाईल के पास
कुछ पल बैठ जाया करो बीबी के पास
हर चीज नहीं मिलती टी.वी के पास
कुछ पल बैठ जाया करो बच्चों के पास
हर चीज नहीं मिलता व्यापार के पास
कुछ पल बैठ जाया करो गुरु के पास
हर चीज नहीं मिलती Google के पास
कुछ पल बैठ जाया करो दोस्तों के पास
हर चीज नहीं मिलती face book के पास
कुछ पल बैठ जाया करो खुद के पास
हर चीज नहीं मिलती Whats app के पास