Who writes your Fate ?
आपका भाग्य कौन लिखता है ?
इन्फॉर्मेशन के स्रोत
चाहे व्हाट्स एप हो या मोबाईल
या फिर सिनेमा हो या क्लब
मन में हलचल उत्पन्न करती है
जिससे मस्तिष्क
में सोच बनती
है
जैसा इन्फॉर्मेशन मस्तिष्क खाता है
वैसी ही आपकी सोच बनती है
वैसा ही आप कर्म करते हो
जैसा
कर्म करते हो
वैसा
ही आपका भाग्य बनता
है
हर दिन अपना भाग्य आप खुद लिखते हो
लेकिन उस वक्त तुम वेसुध होते हो
इसलिए तुम्हें याद नहीं रहता
पर दोष विधाता के सर मढ़ते हो
बता
मुसाफिर अब विधाता क्या करे
क्या - क्या करे चमत्कार आज
बड़े असमंजस में है वो विधाता आज
संसार
की जरूरतें नियम
पर चलती है,
तुम्हारी
ख्वाहिसों को नजर
अन्दाज करता है
सर्दियों
में जिस सूरज
का इन्तजार होता
है
गर्मियों
में उसी सूरज का तिरस्कार
होता है
जिस
गाँव में बरसा
न हो
वहाँ
की फसलें ख़राब
हो जाती है
जिस
घर में स्वधर्म
और अच्छा संस्कार
न हो
वहाँ की नस्लें खराब हो जाती है