Meeting of Sorrow and Comforts / दुःख और सुख की मुलाकात

  Meeting of Sorrow and Comforts / दुःख और सुख की मुलाकात 

आदिश्री अरुण  

Sorrow and Comforts

जीवन के एक मोड़ पर अचानक सुख और दुःख की मुलाकात हो गई  दुःख ने सुख से कहा कि तुम कितने भाग्यशाली हो कि प्रत्येक लोग तुम्हें पाने की कोशिश में लगे रहते हैं । सुख ने जबाब दिया - गलत; भाग्यशाली  मैं नहीं  तुम हो क्योंकि तुम्हें पाकर लोग अपनों को याद करते हैं लेकिन  मुझे पाकर लोग अपनों को क्या भगवान को भी भूल जाते हैं 

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