सत्य
हो गई कल्कि पुराण
की भविष्यवाणी
(आदिश्री अरुण)
कल्कि
सिटी, पूठ खुर्द, दिल्ली -110039
मनुष्यों
का देवलोक से सारा
सम्बन्ध टूट चुका
है क्योंकि उनके
बीच ऐसे पुरुष
नहीं हैं जो
आपके और देवताओं के बीच
सेतु बन सके,
और मनुष्यों एवं
देवताओं के बीच
खड़ा होकर इस
बात की घोषणा
कर सके कि
देवता कैसे होते
हैं ? मनुष्य जाति
के दाम्पत्तियों का रहन
- सहन, सोच, व्यवहार
कुरूप हो गया,
अग्ली (Ugly) हो गया,
विकृति आगई, अर्थात
PREVERTED हो गया ।
इस कारण मनुष्य
जाति के दाम्पत्तियों
ने श्रेष्ट आत्मा
को जन्म देने
वाली अनुकूल परिस्थिति
पैदा नहीं कर
सकती है ।
ऐसी हालत में
मनुष्य जाति के
दाम्पत्तियों ने श्रेष्ट
आत्मा को जन्म
देने की
योग्यता को खो
दिया । तो
साबाल यह उठता है
कि धरती पर
किस आत्माओं ने
जन्म लेना शुरू
कर दिया ? बहुत
ही निकृष्ट आत्माओं
ने जन्म लेना
शुरू कर दिया
। इसलिए धरती
पर पापी, अधर्मी,
अत्याचारी और पाखंडी
लोग जन्म लेने
लगे और उनका
जीवन क्रोध, घृणा
और हिंसा का
ही जीवन हो गया । इसलिए
यह युग
“कलियुग” के नाम
से विख्यात हुआ
। श्रीमद्देवीभगवत
स्कन्ध 6 , अध्याय 10 से 13, पेज
नंबर 413 क्या कहता
है ? "कलियुग में प्रायः
पापी मनुष्य ही
जन्म लेते हैं
।" अब धरती
पर श्रेष्ट आत्मा
यदि जन्म लिया
है तो उसको
ढूँढना बड़ा ही
मुश्किल है ।
लेकिन श्रीमद्भागवतम महा
पुराण स्कन्ध 12, अध्याय
2 के श्लोक 24 के
अनुसार सत्ययुग 26 जुलाई 2014 को
3 बज कर
11 मिनट दोपहर को शुरू
हो गया क्योंकि
उस वक्त चन्द्रमा,
सूर्य और
वृहस्पति पुष्य नक्षत्र
के प्रथम पल
में प्रवेश कर
एक राशि (कर्क
राशि) में आगया
।
जब सत्य युग शुरू हो गया तो धरती पर श्रेष्ट आत्मा भी उतर कर आएंगे । क्योंकि श्रीमद्देवीभगवत स्कन्ध 6 , अध्याय 10
से 13, पेज नंबर 413 यह कहता है कि "जब सत्य युग का आरम्भ हो जाएगा, तब उस समय पुण्यात्मा मानव स्वर्ग से आकर पृथ्वी की शोभा बढ़ाएंगे ।