4 Divine Secret of Lord Kalki
भगवान कल्कि जी के क्या हैं 4 रहस्य ?
भगवान कल्कि नारायणा-गृह / अभय धाम / न्यू हैवन / नया यरूशलेम, कल्कि धाम कब आए ?
विद्द्याध्ययन समाप्त करके सबसे पहले भगवान कल्कि दिनांक 29th नवम्बर 2005 को न्यू हैवन में आए । उस समय में वे ज्योति रूप में थे । वे हम लोगों के साथ पूरी रात न्यू हैवन (नारायणा-गृह / अभय धाम) में रहे । जैसे ही वे न्यू हैवन (नारायणा-गृह / अभय धाम) में प्रवेश किए वैसे ही ॐध्वनि और शंख की आवाज न्यू हैवन (नारायणा-गृह / अभय धाम) में गूंजने लगी और यह आवाज पूरी रात गूंजती रही । सुबह होते ही यह आवाज बंद हो गई ।
भगवान कल्कि जी का अंतिम युद्ध कहाँ और किसके साथ ?
भगवन कल्कि जी सबसे अंत में भल्लाट नगर, गंडकी नदी के पास उत्तरी नेपाल में शशिध्वज के साथ युद्ध करेंगे । (कल्कि पुराण / Kalki Puran 3 ;8
:1) शशिध्वज बुद्धिमान, लंबे - चौड़े, महातेजवान, कृष्ण भक्त, महाबलवान राजा होंगे। (कल्कि पुराण/ Kalki Puran 3 ; 8 :3) शशिध्वज की पत्नी सुशान्ता भगवान् विष्णु का व्रत रखने वाली होगी। (कल्कि पुराण/ Kalki Puran 3 ; 8
:4) इस युद्ध में दिव्यास्त्र Misile का भी प्रयोग होगा। जैसे ब्रह्मास्त्र, पर्वतास्त्र, मेघास्त्र, वायव्यास्त्र, अग्नेयास्त्र,
गरुड़ास्त्र, पन्नगास्त्र इत्यादि। इस कारण इस युद्ध में बहुत से लोग मारे जाएँगे।
भगवान कल्कि जी की शादी कब और किसके साथ ?
लक्ष्मी जी सिंहल देश में राजा बृहद्रथ की पत्नी कौमुदी के गर्भ से पद्मा नाम से जन्म ली। (कल्कि पुराण / Kalki Puran 1 ;2 :
6) परशुराम जी से दक्षिणा में किए गए वादा के अनुसार वे श्रीलंका के कारूमति शहर, जो अरनी नदी के पास है, वहाँ गए और दिनांक 4 अप्रैल 2006 को पद्मावती से शादी कर उसी दिन अपनी माता सुमति से आशीर्वाद लेने गुजरात आए । उनकी माता सुमति 14 वर्ष से मौन व्रत धारण किए हुए थी । 4 अप्रैल 2006 को ही माता सुमति अपना मौन व्रत खोली । माता सुमति 2006 को ही एक बहुत बड़ा सभा का आयोजन की और उस सभा में संत, प्रतिष्टित लोग एवं सामान्य लोगों को भी आमंत्रित की । उस सभा में वे भगवन कल्कि के बारे में घोषणा की लेकिन तुरंत बाद ही वे इसे छिपा ली क्योंकि उस समय भगवान कल्कि अपने गुरुदेव परशुराम जी को दक्षिणा नहीं चुकाए थे । भगवान कल्कि जी को छिपकर रहने का यही कारण था । इसलिए 4th अप्रैल ’ 2006 का दिन भगवान के भक्तों के लिए ख़ुशी का दिन माना जाता है। इसके बाद पद्मावती को हनुमान जी के संरक्षण में रख कर वे विनाश कार्य करने हेतु प्रस्थान किए ।
रमा के साथ भगवान कल्कि जी की शादी कब ?
भगवन कल्कि जी सबसे अंत में भल्लाट नगर, गंडकी नदी के पास उत्तरी नेपाल में शशिध्वज के साथ युद्ध करेंगे ।इस युद्ध में भगवान् कल्कि जी मूर्च्छहो जाएँगे और शशिध्वज उन्हें उठाकर अपने साथ घर ले जाएँगे (कल्कि पुराण Kalki Puran 3; 9 :15, 17) सुशान्ता भगवान् कल्कि जी से कहेंगे कि आपसे मेरा कोई शत्रु भाव नहीं है। यदि शत्रुभाव रहता तो क्या आपको अपने साथ अपने स्थान में लेसकता था ? हे प्रभु ! जगत जिसका सेवक और मित्र रूप है, जिसके दर्शन से किसकी के प्रति शत्रुता नहीं रह जाती, उसका काया साक्षात् सबन्ध से कहीं कोई शत्रुता हो सकता है ? पृथ्वी पर रहने वाले, स्वर्ग में रहने वाले और रसातल में रहने वाले - मनुष्य, सुर, असुर और नागों में भला ऐसा कौन है जो नारायण कल्कि जी की सेवा नहीं करता ? (कल्कि पुराण / Kalki Puran 3 ;10 :17 - 19) शशिध्वज भगवान् कल्कि जी से कहेंगे कि "मैंने युद्ध करके आपके शरीर पर प्रहार किया है। आप हमारी आत्मा हैं। मैंने काम क्रोधादि रोग के वशीभूत होकर आपसे दुश्मनी की है इसलिए मुझे दंड दीजिये। भगवान् कल्कि जी जबाब देंगे की आपने ने तो मुझे जीत लिया है। इसके उपरांत राजा शाशिध्वज लड़ाई के मैदान से बुला कर कल्कि जी की शादी रमा के साथ कर सुचारुरुपसे कर देंगे। (कल्कि पुराण / Kalki Puram 3 ; 10 : 24 - 34)