Fear of Karmic Account
(आदिश्री अरुण)
कार्मिकएकाउण्ट से डरो
लोग धरती पर खाली हाथ नहीं आते हैं और न खाली हाथ जाते हैं बल्कि दो चीजों को साथ लेकर आते हैं और दो चीजों को साथ लेकर जाते हैं । एक है संस्कार और दूसरा है कार्मिकएकाउण्ट । एक जुड़वां बच्चा एक ही नक्षत्र, एक ही राशि और एक ही ग्रह-नक्षत्र के समय अवधि में जन्म लिया । लेकिन एक ज्यादा धनि है और दूसरा ज्यादा गरीब है । एक ज्यादा स्वस्थ है और दूसरा ज्यादा अस्वस्थ है । एक को लोग ज्यादा सम्मान देते हैं और दूसरे को पूछते भी नहीं हैं । एक बहुत प्यार से बोलता है और उसका सोच बहुत अच्छा है; दूसरा कड़वे बोल बोलता है और उसका सोच बहुत बुड़ा है । इसके क्या कारण हैं ? इसके पीछे कारण हैं उसका अपना - अपना संस्कार और कार्मिक एकाउण्ट ।
अच्छा संस्कार के कारण लोगों का सोच अच्छा होता है, उसका व्यवहार अच्छा होता है । वह प्यार से बोलता है । ख़राब संस्कार के कारण लोगों का सोच बुड़ा होता है, उसका व्यवहार बुड़ा होता है। वह कड़वे बोल बोलता है । कार्मिक एकाउण्ट में यदि पुण्य फल ज्यादा है तो वह ज्यादा सुखी होता है। उसका स्वास्थ्य अच्छा होता है। उसका यश और कीर्ति सब जगह फ़ैल जाता है । लोग उसका सम्मान करते हैं। कार्मिक एकाउण्ट में यदि पाप फल ज्यादा है तो वह ज्यादा दुखी होता है, कष्ट में होता है । उसका स्वास्थ्य ख़राब होता है। उसको कोई नहीं पूछता है । लोग उसका सम्मान नहीं करते हैं। इसलिए ख़राब कार्मिक एकाउण्ट से डरो । इसमें आपके लिए भगवान कुछ नहीं कर सकते हैं । भगवान आपका भाग्य नहीं लिखते हैं बल्कि मनुष्य अपना भाग्य खुद लिखता है । भगवान तो आपको ज्ञान देते हैं, आपको ब्लेसिंग्स देते हैं और आपसे बहुत प्यार करते हैं । अच्छा या बुड़ा आपके जीवन में जो कुछ भी घटना घटता है वह अच्छा और बुड़ा आपके कार्मिक एकाउण्ट के चलते होता है । आपने जो पीछले जन्म में कर्म किया है आज वही आपको रिटर्न में मिलता है । गीता 18:12 में भगवान श्री कृष्ण ने तो यह कहा कि "कर्म फल का त्याग न करने वाले मनुष्यों के कर्मों का तो अच्छा, बुड़ा और मिला हुआ - ऐसे तीन प्रकार का फल मरने के बाद अवश्य होता है ।" इसलिए आप आपने ख़राब कार्मिक एकाउण्ट से डरो बल्कि इसी जन्म में सभी कर्मों का त्याग कर दो ।