GOD WILL PROVIDE - प्रभु कल्कि महान प्रदाता हैं

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प्रभु कल्कि महान प्रदाता हैं

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भारत के पूण्य भूमि पर ईश्वर कल्कि नाम से पिता विष्णुयश और माता सुमति के  अवतार लिए । इतिहास और पौराणिक कथा को देखिए ।  भगवान राम और भगवान कृष्ण के आने के बारे में कोई नहीं जाना । यहाँ तक कि भगवान कृष्ण सात साल की उम्र में सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को कँगूलिया अँगुली से उठाये रहे फिर भी न तो मथुरा के राजा कंस ने जाना और न मथुरा के लोग ही जान पाए कि कृष्णावतार होगया । भगवान बुद्ध के बारे में कोई भी नहीं जाना कि ये भगवान विष्णु के अवतार हैं। ठीक उसी तरह भगवान कल्कि जी भी शम्भल ग्राम में दिनांक 2 मई 1985 को वैशाख मास शुक्ल पक्ष द्वादशी को अवतार लिए लेकिन कल्कि जी  के अवतार लेने के बारे में कोई नहीं जाना । कल्कि पुराण 1;2:15 तथा कल्कि कम्स इन 1985 पुस्तक के तीसरा अध्याय ऊपर लिखे बातों की पुष्टि करता है। कल्कि पुराण/Kalki Puran, 1;2:15 के अनुसार - वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अवतार लिया । माता - पिता ने पुलकित होकर इस पुत्र को पैदा होते देखा ।





Kalki Comes in 1985 पुस्तक के तृतीय अद्ध्याय में यह भविष्यवाणी किया गया है कि वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को सन 1985 में  भगवान विष्णु ने उत्तर भारत के मथुरा के शम्भल ग्राम में अवतार लिया ।



धर्मग्रन्थ के  अनुसार भगवान कल्कि  उत्तर भारत के शम्भल ग्राम में श्रेष्ठ ब्राह्मण (Group of Brahman) विष्णुयश के  घर अवतार लेंगे । उत्तर भारत में दो शम्भल ग्राम है - एक मुरादाबाद में तथा दूसरा मथुरा और वृन्दावन के बोर्डर पर (गौड़ी मठ के पास) । मुरादाबाद शम्भल में 98 % मुस्लिम हैं तथा 2 % में अन्य जातियाँ निवास करती है तथा यहाँ बहुत कम ही ब्रह्मण परिवार हैं। यहाँ के अधिकतर लोग इस्लाम धर्म को मानने वाले हैं और भगवान कृष्ण  पूजा करने वाले लोग नहीं के बराबर हैं । अतः इस शम्भल में Group of  Brahman की कल्पना ही नहीं किया जासकता है । मथुरा और वृन्दावन के बोर्डर पर (गौड़ी मठ के पास) जो शम्भल है वहाँ पार  ब्रह्मणों की संख्या बहुत ही अधिक  लोग हैं तथा यहाँ के अधिकतर लोग भगवान कृष्ण की पूजा करने  वाले हैं । अतः यही शम्भल भगवान कल्कि जी का अवतार स्थान है। संक्षिप्त भविष्यपुराण 4;5:27-28 ; प्रतिसर्ग पर्व, चुतुर्थ खंड पेज नो 331 के अनुसार भगवान श्री विष्णु ने कहा कि  मैं देवताओं के हित और दैत्यों  के विनाश के लिए कलियुग में अवतार लूंगा और कलियुग में भूतल पर स्थित सूक्ष्म रमणीय दिव्य वृन्दावन में रहस्यमय एकांत - क्रीड़ा करूँगा। घोर कलियुग में सभी श्रुतियाँ गोपी के रूप में आकर रासमंडल में मेरे साथ रासक्रीड़ा करेगी। कलियुग के अंत में राधा जी के प्रार्थना को स्वीकार करके मैं रहस्यमयी क्रीड़ा  को समाप्त कर के कल्कि के रूप में अवतीर्ण होऊंगा  ।



कृष्णा  अवतार  की तरह  इस बार  भी  कल्कि जी चार भुजा में अवतार लिए, लेकिन ब्रह्माजी उसी समय वायु देव को भेज कर कल्कि भगवान को यह संदेश भिजावाए कि उन्हें  साधारण मनुष्य रूप में रहना है। ब्रह्माजी का संदेश पाकर कल्कि भगवान मनुष्य रूप में प्रकट हो  गए ।  यह लीला जब उनके माता-पिता देखे तो वो हैरान हो गए । उन्हें ऐसा लगा कि किसी भ्रमवश उन्होंने अपने पुत्र को चार भुजा में देखा था।
ईश्वर आपसे प्यार करते । वे तुम्हारे लिये चिंता करते हैं । वो तुम्हारी चिंताओं को खत्म कर देना चाहते हैं  । वे तुमको बोझ से मुक्त कर स्वर्गीय आशीर्वाद से सबसे अमीर बना देना चाहते हैं । 
प्रभु कल्कि महान प्रदाता हैं । जब इजराइल को नेतृत्व करने के लिए एक अच्छे नेता की जरुरत थी तब उन्होंने मूसा को नेता के रूप में खड़ा किए । जब मरुभूमि में पानी की जरुरत थी तब उन्होंने पत्थर से पानी निकला। जब उनके भक्त जंगलों में भटक रहे थे तो उन्हें खाने के लिए उनको मन्ना दिए। दु: ख के दिनों में ईश्वर  के मदद के  प्रावधान का द्वार  हमारे लिए हर समय हमारे खुले रहे । वे  हमारे दुःख के दिनों में सभी आवश्यकताओं के चीजों को दिए । धर्मशास्त्र, फिलिप्पियों में 4:19  पॉल ने लिखा कि "मेरा परमेश्वर उस धन के अनुसार जो महिमा सहित ईश्वर में है तुम्हारे हर एक घाटी को पूरा करेंगे  ।"  



वास्तव में यदि मनुष्य के उत्पत्ति के आदि समय के इतिहास को देखें तो पता चलेगा कि ईश्वर मनुष्य को बना कर अदन बाटिका में डाल दिया । वहाँ आदम और हव्वा के लिए आवश्यकता की और आरामदेह जीवन जीवन जीने के लिए हरएक चीजें मौजूद थी ।  किन्तु कुछ कारणवश मनुष्य की जरूरतों के चीजों की जो स्रोत ईश्वर से था वह टूट गया और मनुष्य ने ईश्वर की जगह दूसरा स्रोत ढूंढ लिया । अधिक मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, बेरोजगार के लिए  गारंटी की आय को ढूंढ लिया तथा कुछ ही लोग इन सब चीजों के के लिए ईश्वर पर आश्रित थे। लेकिन कुछ पढ़े - लिखे   नर और नारी ईश्वर के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं किया और उनको सभी चीजों को पूर्ति करने वाला महान प्रदाता मानने से इनकार कर दिया । पर मैं तुमसे सच कहता हूँ कि यदि तुम ईश्वर में विश्वास करोगे और ईश्वर   के प्रतिज्ञों पर विश्वास करोगे तो ईश्वर तुम्हें अमीरी से रहने के लिए हरएक चीज प्रदान करेंगे।   

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