परमेश्वर कैसे आपकी इच्छा को पूरा करेंगे ?
ईश्वर पुत्र अरुण
परमेश्वर आज आपकी इच्छाओं को पूरा करेंगे । परमेश्वर आज आपके सभी जरूरतों को पूरा करेंगे । आज परमेश्वर की आँखें आपको देखेगा और आपको कष्ट से बहार निकालेंगे । लेकिन इसके लिए जरुरत है परमेश्वर को प्रसन्न करना । इसलिए आपको यह जानना आवश्यक है कि परमेश्वर किस प्रकार प्रसन्न होते हैं ? परमेश्वर को प्रसन्न करने का पहला उपाय है - आप परमेश्वर पर विश्वास करें और दूसरा उपाय है परमेश्वर के इच्छा के अनुकूल कार्य करें ।
परमेश्वर ने डेविड को देखा । वह भेड़ चराने वाले एक व्यक्ति था । परमेश्वर ने उसको राजा बना दिया । परमेश्वर मन को देखता है । परमेश्वर धनि - गरीब नहीं देखता , परमेश्वर काला - गोरा नहीं देखता, परमेश्वर केवल मन देखता है । परमेश्वर ने डेविड को देख कर कहा था - एक मनुष्य यिशै का पुत्र डेविड मेरे मन के अनुसार मिल गया है। वही मेरी सारी इच्छाओं को पूरा करेगा । (धर्मशास्त्र, प्रेरितों के काम 13 : 22 )
जिस प्रकार डेविड परमेश्वर के लिए विशेष था उसी प्रकार आप भी परमेश्वर के लिए विशेष बनिए । यदि आप ऐसा करते हैं तो परमेश्वर आपको भी डेविड कि तरह कष्ट से बहार निकाल कर धनि और सुखी संपन्न बना देंगे। लेकिन ज़रा सोचिये कि डेविड के मन के भाव कैसे थे ? परमेश्वर ने डेविड को देख कर क्यों कहा कि वह मेरे मन के अनुसार मिल गया है ? और वही मेरी सारी इच्छाओं को पूरा करेगा । परमेश्वर ने भेड़ चरवाहा डेविड को राजा बना दिया , उसको धन - धान्य से सुखी - सम्पन्न कर दिया । क्या आपके मन में यह भाव है कि मैं परमेश्वर कि इच्छाओं को पूरा करूँ ? यदि आपके मन में भी ऐसे भाव हैं तो डेविड कि तरह परमेश्वर आपको भी धनि एवं सुखी सम्पन्न बना देंगे । आप भी डेविड की तरह परमेश्वर का विशेष लोग बन जाएँगे । आप के लिए भी परमेश्वर कहेंगे कि यह मेरी सारी इच्छाओं को पूरा करेगा । परमेश्वर आपका नाम लेकर आपके लिए भी कहेंगे कि यह मेरे मन के अनुसार मिल गया है ।
आप हनुमान जी का नाम सुने होंगे । हनुमान जी भगवान राम के परम अर्थात विशेष भक्त थे । भगवान का काम करने वाले बहुत से लोग थे जैसे - जाम्भन, विभीषण, सुग्रीव, अंगद, नल - निल, जटायु इत्यादि - इत्यादि । लेकिन केवल हनुमान जी को ही चिरंजीवी होने का आशीर्वाद क्यों क्यों मिला ? क्योंकि भगवान राम ने यह मान लिया कि केवल हनुमान ही मेरी इच्छा को पूरा करेगा । इसलिए भगवान राम ने हनुमान से कहा - तुम प्रलय के अंत तक पृथ्वी पर रहोगे। उस वक्त मेरे भक्तों को तुम्हारी विशेष जरुरत होगी । कलियुग के अंत में हरि का नाम ही भाव सागर पर करने का एक मात्र उपाय होगा और उस वक्त धरती पर हरि का नाम बताने वाला कोई नहीं होगा । इसलिए उस वक्त हमारे भक्तों को तुम्हारी मदद की विशेष जरुरत पड़ेगी । तुम हमारे भक्तों को कलयुग हमारा नाम बताओगे ।
यदि आप भी हनुमान जी की तरह भगवान की इच्छा पूरी करने वाले बनेंगे तो आपको भी चिरंजीवी होने का आशीर्वाद मिलेगा । तब 100 वर्षों में या 50 से 100 वर्षों के बीच आपकी मृत्यु नहीं होगी बल्कि हनुमान जी की तरह ही आप भी दीर्घ काल तक धरती पर जीवित रहेंगे । परमेश्वर ने आपके जैसे लोगों के लिए कहा कि "उनको मैं अपने पवित्र पर्वत पर ले जाकर अपने प्रार्थना के भवन में आनंदित करूँगा । " (धर्मशास्त्र, यशायाह 56 :7 ) परमेश्वर ने आपके जैसे लोगों के लिए लोगों के लिए कहा कि देखो, मैं उसकी ओर शांति की नदी और धन को नदी की बाढ़ के सामान बहा दूंगा । (धर्मशास्त्र, यशायाह 66 : 12 ) जिस प्रकार माता अपने पुत्र को शांति देती है वैसे ही मैं भी तुम्हें शांति दूंगा । (धर्मशास्त्र, यशायाह 66 :13 ) परमेश्वर ने आपके जैसे लोगों के लिए कहा कि - मैं तेरे साथ वाचा बांधूंगा यानि कि परमेश्वर इकरारनामा बनाएंगे, एग्रीमेंट बनाएंगे कि मैं तेरे वंश को अत्यंत ही बढ़ाऊंगा । (धर्मशात्र, उत्पति 17 :2 ) उन्होंने कहा कि तेरे सब लोगों के सामने मैं ऐसा आश्चर्य कर्म करूँगा जैसा पृथ्वी पर और जातियों में कभी नहीं हुए । और वे सारे लोग जिनके बीच तू रहता है मुझ परमेश्वर के कार्य को देखेंगे । (धर्मशास्त्र, निर्गमन 34: 10 )