हमेशा ईश्वर पर विश्वास करने के क्या है 3 साधन ?
ईश्वर पुत्र अरुण
हमेशा ईश्वर पर विश्वास करने के क्या है 3 साधन ?
विश्वास ऐसा चीज नहीं है कि किसी पर भी विश्वास कर लिया जाय । बल्कि यह आपके और ईश्वर के बीच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है । जब कठिनाई का समय होता है और सब चीज विपड़ीत ही होता है तब उस समय ईश्वर पर विश्वास करना बड़ा ही मुश्किल होजाता है।
उस समय आपको ईश्वर के इस बात पर संदेह होता है कि वह हमें बचाने के लिए किसी के माध्यम से आने वाला है ? उस समय आपको ईश्वर के वादों पर संदेह होता है और आप अपने भविष्य के विषय में सोच कर खभी ख़त्म नहीं होने वाली चिन्ताओं में घिर जाते हैं। परन्तु हकीकत यह है कि आपके जीवन के मुश्किल घड़ी में आपके लिए ईश्वर का सोच आपके सोचने की दिशा के साफ विपड़ीत है। जब आप संदेह करते हैं और यह सोच रहे होते हैं कि क्या करें ? उस समय ईश्वर चाहते हैं कि आप उन पर विश्वास करें । वे चाहते हैं कि जब आपको ऐसा लग रहा हो कि सब कुछ एकदम खराब हो रहा है वैसी स्थिति में आप उनके किए गए वादों पर विश्वास करें । लेकिन आप कैसे ईश्वर पर विश्वास करेंगे जब यह महशुस हो रहा हो कि ईश्वर पर विश्वास करना असंभव है । इसलिए आपके लिए सर्व प्रथम यह जानना जरुरी है कि विश्वास है क्या ?
किसी पर विश्वास तब होता है जब वह विश्वासयोग्य, अच्छा, ईमानदार अथवा प्रभावशाली हो। हम सभी जानते हैं कि विश्वास के इस परिभाषा के अनुसार ईश्वर पर इससे भी अधिक भरोसा किया जासकता है। इसके बावजूद भी ईश्वर पर भरोसा करना आपके लिए इतना कठिन क्यों होता है ? मैं जनता हूँ कि यह समाज के वातावरण के और लोगों के किये गए प्रोग्राम की देन है ताकि आप ईश्वर के किसी भी चीज या वादा पर विश्वास न करें । मैं समझता हूँ कि आप सभी इस बात को जानते हैं कि ईश्वर इतने विश्वासयोग्य और इतने अच्छे हैं कि इनपर विश्वास किया जासकता है । इसका मतलब यह है कि लोग ईश्वर से इतने अधिक अच्छे हैं और उनकी बातें ईश्वर से भी इतने अधिक विश्वासयोग्य हैं कि आप ईश्वर में कमी ढूंढ़ लेते हैं और उनपर विश्वास करना छोड़ देते हैं और कुछ लोग तो ईश्वर को छोड़ ही देते हैं। अधिकतर आपका यह स्वाभाव ही बन जाता है कि आप यह समझ ही नहीं पाते हैं कि आप ऐसा गलत कर रहे हैं ? यह गलतफहमी कि "लोग ईश्वर से ज्यादा विश्वासयोग्य हैं" आपके ह्रदय के अन्दर स्थापित हो जाता है । परन्तु ईश्वर के अन्दर ऐसी गलत धारणा पैदा नहीं होती । वे यह कभी नहीं सोचते कि मैं इतना अच्छा हूँ कि सब लोग मुझ पर विश्वास करे। बल्कि ईश्वर आपको बहुत बड़ा सरप्राइज देना चाहते हैं । ईश्वर ने कहा कि - मुझे पुकारो, मैं तुम्हें जबाब दूंगा और तुम्हें महान और शक्तिशाली बातें बताऊंगा जिसको तुम नहीं जानते ।
ईश्वर में अधिक विश्वास बढ़ाने के 3 साधन निम्नलिखित हैं :
विश्वास तुम्हारे शरीर के अन्दर उस मांस की तरह है जो तुम्हारे पास है । जितना तुम अधिक व्यायाम (एक्सरसाइज) करोगे यह उतना ही अधिक बढ़ेगा और तुम्हें उतना ही अधिक मजबूत बनाएगा। यह व्यायाम (एक्सरसाइज) कैसे किया जाय इसका वर्णन निम्नलिखित है -
1. अपने आपको ईश्वर के चरणों में समर्पित करो और अपनी सारी समस्याएँ ईश्वर के कन्धों पर छोड़ दो । जब तुम्हें यह महशुस होगा कि तुम्हारे कठिनाइयों से बड़ा तुम्हारे पास दिव्य शक्ति उपलब्ध है तब तुम्हारे जीवन का दृष्टिकोण बदल जाएगा।
तब तुम चिंता को छोड़कर प्रार्थना करोगे यह सोच कर कि ईश्वर तुम्हारे जीवन के प्रत्येक परिस्थितियों को नियंत्रित कर सकते हैं । इसलिए तुम उनको अपना और अपने जीवन के सभी चीजों का नियंता बना लो । यदि तुम एक बार अपने समझ के अनुसार काम करना छोड़ दोगे और ईश्वर को तुम अपना नियंता बना लोगे तब ईश्वर तुम्हें संभालेंगे और तुम्हें पहले से अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएँगे ।
2. तुम अपने नेगेटिव विचारों को पोजिटिव विचारों में बदल दो । क्योंकि तुम्हारा विचार बहुत शक्तिशाली है जो तुम्हारे मूड को, तुम्हारे रुझान को, तुम्हारे हाँ को और यहाँ तक कि तुम्हारे कार्य को बदल सकता है । इसलिए तुम्हारा विचार अगर निगेटिव होगा तो तुम्हारा पतन हो जाएगा । तुम्हारा पतन न हो इसके लिए तुम धर्मशास्त्र पढ़ा करो जिससे कि तुम्हारा मनोबल बना रहे ।
3. धीरज देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करो । यह सच है कि तुम्हारे सही दिशा में चलने के कारण ईश्वर तुम्हारे पीछे - पीछे आएँगे और वे तुम्हें कभी भी असफल नहीं होने देंगे । प्रार्थना के समय तुम्हें स्थिर रहने की जरुरत है ताकि तुम परखे जाओ । परखे जाने के दिन तुम ईश्वर से प्रार्थना करो ताकि तुम्हारा विश्वास डगमगाए नहीं । याद रखो कि ईश्वर कभी देर नहीं करते, वो हमेशा निश्चित समय पर अपना काम करते हैं ।