Will you write your fate with your own hand / क्या आप अपना भाग्य अपने हाथ से लिखेंगे ?




क्या आप अपना भाग्य अपने हाथ से लिखेंगे ?


ईश्वर पुत्र अरुण 

Will you write your fate with your own hand
कर्म फल का त्याग न करने वाले मनुष्य के कर्मों का तो अच्छा, बुरा और मिला हुआ - ऐसे तीन प्रकार का फल मरने के पश्चात अवश्य होता है। (गीता 18 : 12 ) मनुष्य को अपने हर कर्मों का फल भोगना हीं पड़ता है। चाहे अच्छे कर्मों के फल हों या बुरे कर्मों के फल। कुछ कर्मों के फल तुरंत मिल जाते हैं, तो कुछ कर्मों के फल भविष्य में मिलते हैं। 
हमारा भाग्य हमारे हीं उन कर्मों का फल है, जिन कर्मों को हमने अतीत में किया है।  उसी तरह हम आज जो कर्म कर रहे हैं, वो हमारे आने वाले कल को निर्धारित करेंगे। 

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