ईश्वर पर विश्वास करके उनके आश्रय में रहिए
ईश्वर पुत्र अरुण
ईश्वर के चमत्कार आपके कल्पना से बाहर है । ईश्वर ने कहा कि आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है । (धर्मशास्त्र, यशायाह 66:1) धर्मशास्त्र, भजन संहिता 148:13 में कहा गया है कि "ईश्वर के नाम की स्तुति करो क्योंकि केवल उसी का नाम महान है । उसका ऐश्वर्य पृथ्वी और आकाश के ऊपर है ।" ऐसे ईश्वर को पाने के बाद भी आप अनसुलझे समस्या से क्यों पड़ेशान हैं ? आपने अपने जीवन में ईश्वर को चुना है और उस ईश्वर के चरणों में बैठ कर ज्ञान को पाया है। आपने जाना है कि ईश्वर के आश्रय में रहकर मनुष्य सुरक्षित रह सकता है और आपने ऐसा किया है । उसी तरह अब आप अपनी सभी समस्याओं को ईश्वर के हाथ में सौंप दीजिये यह जानकर कि "उन्होंने कहा है कि मैं तेरा देखभाल करूँगा "। ईश्वर निश्चित ही आपको मदद करने के लिए आएँगे । इस काम के लिए उन्होंने एक समय निर्धारित किया है। उसी निधारित किये गए समय में वो आपके लिए बहुत ही बडा चमत्कार लेकर आएँगे जिसकी आप कल्पना भी नहीं किए होंगे; ताकि आप लोगों के बीच अपना सिर उठा सकें । जब आप रोग में पड़े होंगे तब उस समय वे आपको संभालेंगे । वे आपको इलाज करके आपके बीमारी को ठीक करेंगे। वे संकट में अति सहज से मिलने वाले सहायक हैं । इसलिए उस ईश्वर पर विश्वास करके उनके आश्रय में रहिए ।