ईश्वर आरोग्यता प्रदान करने वाला है
(ईश्वर पुत्र अरुण )
ईश्वर में सामर्थ्य है कि वे आपको आरोग्यता प्रदान कर सकते हैं, ईश्वर में सामर्थ्य है कि वे आपको पीड़ा से बहार निकाल सकते हैं, ईश्वर में सामर्थ्य है कि वे आपको अनेक बिमारियों से बहार निकाल सकते हैं। ईश्वर विश्वासी हैं । ईश्वर के वचन विश्वास करने योग्य हैं । जो कोई भी ईश्वर का साधना करता है, जो कोई भी ईश्वर पर विश्वास करेगा ईश्वर उसको कभी भी लज्जित नहीं होने देंगे। धर्मशास्त्र, मट्टी 4 :24 में यह भविष्यवाणी किया गया है कि लोग जिन्हें नाना प्रकार कि बीमारियाँ थी, और जो दुःख में जकड़े हुए थे, जिनमें दुष्टात्माएँ थी, जिनको लकवा हो चूका था और जो मिर्गी वाले थे उनको ईश्वर के के पास लाये गए ; ईश्वर ने उन सबों को चंगा किया। ठीक उसी तरह ईश्वर निश्चित ही आप के लिए भी चमत्कार करेंगे। ईश्वर ने कहा कि देखो ! मैं इसके रोगों को ठीक करके अच्छा स्वास्थ्य दूंगा और उनको शांति और सच्चाई की बहुतायत से मिलेगी ।
दूसरे शब्दों में आप यह कह सकते हैं कि - ईश्वर ने कहा कि मैं लोगों के घावों पर, घाव भरने वाला ड्रेसिंग करके ठीक करूँगा और मैं उनको बहुतायत से शांति और सच्चाई का उपहार दूंगा । शायद आपको नहीं मालुम होंगे कि ईश्वर आपके शरीर के एक - एक अंग को देख - भाल कर सकते हैं । वे केवल आपके आध्यात्मिक स्वास्थ के बारे में ही चिंतित नहीं हैं बल्कि स्वस्थ संबधी सभी क्षेत्रों में वे चाहते हैं कि आप स्वस्थ रहें । वे आपके मानसिक बीमारी और मानसिक चिंता को भी आरोग्यता प्रदान करना चाहते हैं, वे चाहते हैं कि आप शारीरिक रूप से एकदम स्वस्थ रहें, वे चाहते हैं कि आप मानसिक पीड़ाओं से दूर रहें और कभी भी आप बीमारी के चंगुल में न पड़ें।
धर्मशास्त्र, भजन संहिता 103 :2 -3 में यह कहा गया है कि - हे मेरे मन ईश्वर को धन्य कह और उसके किसी उपकार को न भुलाना क्योंकि वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता है और तेरे सब रोगों को चंगा करता है। धर्मशास्त्र, निर्गमन 15 :26 में कहा गया है कि यदि तू अपने परमेश्वर का वचन तन मन से सुने और उसकी दृष्टि में जो ठीक है वही करे और उसकी आज्ञाओं पर कान लगाए और उसकी सब विधियों को माने तो जितने रोग मैं भेज हूँ उनमें से एक भी तुम पर न भेजूंगा । आज यह वादा ईश्वर आपसे किये हैं।