आत्मविश्वास का महत्व



 आत्मविश्वास  के संबंध में आदिश्री अरुण जी  का  13 उपदेश :

(1) जैसा  आपका   आत्मविश्वास  होगा  वैसा ही  आपकी   क्षमता  भी होगी ।

(2) चाहे  आप  छोटी  या  बड़ी  जगह  से  हों, आपकी  सफलता  आपके  आत्मविश्वास  और  दृढ़ता  से   निर्धारित  होती  है।

(3) आत्मविश्वास  बात-चीत  में  बुद्धि  से  अधिक  सहायक  होता  है।
(4) आत्मविश्वास  है  तो  आप   शुरू  करने  से  पहले  ही  जीत  चुके  हो।
(5) आत्मविश्वास सफलता  के  लिए परम  आवश्यक  है, और आत्मविश्वास के लिए तैयारी जरूरी है ।
(6) बड़े  काम  करने  के  लिए  आत्मविश्वास  पहला अनिवार्य साधन  है।
(7) जीवन  में  सफल  होने  के  लिए  आत्मविश्वास  एक  भरोसेमंद हथियार है ।
(8) भय  और  आत्मविश्वास  के  बीच  का  जरिया साहस  है ।
(9) हर  वो  अनुभव  जिसमें   आप  भय  का  सामना  करते  हैं, वो  आपकी  शक्ति, साहस  और  आत्मविश्वास  को  बढाता  है।
(10) शब्दों  में  दयालुता  विश्वास  उत्पन्न  करती  है जो आत्मविश्वास  का कारण बनता है, विचारों में  दयालुता प्रगाढ़ता  उत्पन्न  करती  है और बांटने में  दयालुता  प्रेम  उत्पन्न  करता  है।
(11) आत्मविश्वास, आशावादिता विचारधारा का वह विश्वास है जो उपलब्धि की तरफ ले जाती है ।  बिना आशा और विश्वास के कुछ भी नहीं किया जा सकता है ।
 

(12) खुद  पर  भरोसा  रखो ।  अपनी  क्षमताओं  पर  विश्वास  करो ।  बिना  विनम्रता रूपी  शक्तियों को लिए  और बिना उचित  आत्मविश्वास  के  आप  सफल  या प्रसन्न  नहीं हो  सकते हो ।
(13) नेत्रित्व  का  अर्थ  है  कि  लोग  आपकी  प्रतिक्रिया   देखकर  अपना  आत्मविश्वास  बढ़ा  सकें।

Post a Comment

और नया पुराने