"पूर्णिमा" का अर्थ होता है पूर्ण आकार में चन्द्रमा का होना। "पूर्णिमा" शब्द का प्रयोग इसलिए किया गया है क्योंकि इस दिन चन्द्रमा पूर्ण कला (पूर्ण आकार) में होता है।
* गुरु पूर्णिमा का पर्व एक महीने तक
मनाया जाता है।
आदि श्री अरुण 21 जुलाई 2016 को गुरु पूर्णिम का पर्व मनाएँगे, क्योंकि सबसे पहली बार आदि श्री जब गुरु पूर्णिमा पर्व मनाये थे तो उस दिन 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा था ।तब से 21 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाने लगा।
गुरु पूर्णिमा का पर्व :
गुरु पूर्णिमा राष्ट्रिय स्तर का पर्व है जो गुरु में समर्पण को व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है और यह सारे संसार में मनाया जाता है। प्राचीन समय में गुरु वेद व्यास जी चार वेद लिखे थे जो भगवान ब्रह्मा जी के द्वारा सुनाया गया था। सारे संसार के लोग गुरु वेद व्यास जी के इस पुनित कार्य के लिए कर्जदार हैं। उन्होंने 18 महा पुराण लिखा। उस समय गुरु के प्रति समर्पण को व्यक्त करने के लिए एक दिन निश्चित किया गया जिसको गुरु पूर्णिमा पर्व कहते हैं।
गुरु पूर्णिमा पर्व का इतिहास :
यह कहा जाता है कि गुरु वेद व्यास जी चार वेद लिखे थे जो भगवान ब्रह्मा जी के द्वारा सुनाया गया था। सारे संसार के लोग गुरु वेद व्यास जी के इस पुनित कार्य के लिए कर्जदार हैं। उन्होंने 18 महा पुराण लिखा। उस समय गुरु के प्रति समर्पण के भाव को व्यक्त करने के लिए एक दिन निश्चित किया गया जिसको गुरु पूर्णिमा कहते हैं।