आदिश्री
अरुण जी के
अनुसार सृष्टि
केवल उनकी ही
मदद करती है
जिनके उद्देश्य स्पष्ट
और शुद्ध होते
हैं। विश्वास तुमको
एहसास कराता है
कि तुम हमेशा उस वस्तु
को प्राप्त कर
लेते हैं जिसकी
तुमको ज़रूरत होती
है। जि़न्दगी तुमको प्रत्येक
क्षण का अनुमान
लगाने की कला
सिखाती है। जब
तुम यह सीख
जाते हो तो तुम
प्रसन्न रहना सीख
जाते हो ।
इसलिए तुम प्रसन्न रहने की
आदत को डालो ।
यह तुम्हें ही
करना है और
तुम्हारे लिए यह
कोई और नहीं
कर सकता है
। जब तुम अपने
दुखों को सभी
को बताते हो
तो ये कम
नहीं होते। जब
तुम अपने सुखों
को किसी को
भी नहीं बताते
हो तो भी
ये कम हो
जाते हैं। इसलिए
तुम अपनी समस्यओं
को केवल ईश्वर को बताओ।
बस तुम इतना याद
रखो कि ज़िन्दगी
एक ऐसा ख़्वाब
है, जिसमें जीने
की चाहत होनी
चाहिये, गम तो
खुद ही ख़ुशी
में बदल
जायेंगे, सिर्फ मुस्कुराने की
आदत होनी चाहिये
। यदि जिंदगी तुमको दुखी होने
के सौ कारण
बताए, तो तुम
जिंदगी को बताओ
कि तुम्हारे पास मुस्कुराने
के हजार कारण
हैं । हर
विचार एक बीज
की तरह होता
है जो तुम्हारे व्यवहार
और नजरिये रुपी
पेड़ का निर्माण
करता है ।
आदिश्री
अरुण जी के
अनुसार सृष्टि
केवल उनकी ही
मदद करती है
जिनके उद्देश्य स्पष्ट
और शुद्ध होते
हैं। विश्वास तुमको
एहसास कराता है
कि तुम हमेशा उस वस्तु
को प्राप्त कर
लेते हैं जिसकी
तुमको ज़रूरत होती
है। जि़न्दगी तुमको प्रत्येक
क्षण का अनुमान
लगाने की कला
सिखाती है। जब
तुम यह सीख
जाते हो तो तुम
प्रसन्न रहना सीख
जाते हो ।
इसलिए तुम प्रसन्न रहने की
आदत को डालो ।
यह तुम्हें ही
करना है और
तुम्हारे लिए यह
कोई और नहीं
कर सकता है
। जब तुम अपने
दुखों को सभी
को बताते हो
तो ये कम
नहीं होते। जब
तुम अपने सुखों
को किसी को
भी नहीं बताते
हो तो भी
ये कम हो
जाते हैं। इसलिए
तुम अपनी समस्यओं
को केवल ईश्वर को बताओ।
बस तुम इतना याद
रखो कि ज़िन्दगी
एक ऐसा ख़्वाब
है, जिसमें जीने
की चाहत होनी
चाहिये, गम तो
खुद ही ख़ुशी
में बदल
जायेंगे, सिर्फ मुस्कुराने की
आदत होनी चाहिये
। यदि जिंदगी तुमको दुखी होने
के सौ कारण
बताए, तो तुम
जिंदगी को बताओ
कि तुम्हारे पास मुस्कुराने
के हजार कारण
हैं । हर
विचार एक बीज
की तरह होता
है जो तुम्हारे व्यवहार
और नजरिये रुपी
पेड़ का निर्माण
करता है ।