माता, पिता और गुरु का कर्ज



आदिश्री अरुण :

मनुष्य माता और पिता के द्वारा ही जन्म लेकर  पृथ्वी लोक में  आता है । माँ नौ महीने बहुत कष्ट सह कर उसे अपने पेट में रखती है । जब वह जन्म लेकर धरती पर आता है तब माँ  उसको कम से कम साल दो साल तक तो दूध पिलाती ही है । कोई - कोई बच्चा तो तीन साल तक दूध निश्चित ही पिता है । दूध क्या है ? खून का बदला हुआ रूप है अर्थात माँ अपने खून रूप दूध पिलाकर बच्चे को पालती है । पिता प्रहरी बनकर उसका रक्षा करता है । खून - पशीना बहा कर उसके हर जरुरत की चीजों को पूरा करता  है तथा संसार में जीने योग्य बनाता है एवं विषम परिस्थिति में भी जिंदगी जीने की कला सिखाता है। स्वयं दुःख झेलकर उसका लालन -पालन करता है तथा उसे हर संकट से रक्षा करता है वह चाहे विमारी हो, चाहे शत्रु हो, चाहे ठंढ हो, चाहे गर्मी हो, चाहे बरसात हो । उसको ज्ञान देकर उसके चरित्र को सर्वोत्तम बनाता है, गुरु के पास भेज कर ज्ञान से भरपुर करता है ताकि समाज में वह इज्जत से रह सके। उसके जीवन को समारने में पिता अपने पूरी जवानी को खो देता है । पिता का प्रत्येक दिन इसी सोच में और इसी प्रयास में बीतता है कि मेरा बेटा एक अच्छा इंसान कैसे बनेगा ? मेरा बेटा अच्छा जीवन कैसे जिएगा ? जब बेटा अच्छा जीवन जीने योग्य बन जाता है तब तक वह बूढ़ा हो जाता है। वह अपने सुख के लिए कुछ भी नहीं कर पता है।
उसी तरह गुरु उस बच्चे को अपने ज्ञान से नया जीवन देता है । माँ - बाप का दिया हुआ जीवन एक दिन ख़तम हो जता है किन्तु गुरु के दिए हुए जीवन का कभी नाश नहीं होता है ।
मेरा कहना यह है कि क्या बेटा माता, पिता और गुरु के कर्ज को इस जनम में उतार सकता है ? क्या वह कभी माँ के दूध के कर्ज को उतार सकता है ?  क्या वह कभी पिता  के जवानी  के दिन को वापस लाकर दे सकता है ?  क्या वह कभी पिता  के किये गए त्याग  एवं बलिदान को वापस लौटा  सकता है ?  क्या वह कभी पिता  के द्वारा बनाये गए अच्छा इंसान, चरित्र  एवं जीवित रहने योग्य बनाने वाले कीमती समय, सोच,  प्रयास एवं स्वयं दुःख सह कर प्रदान किये गए सुरक्षा को कभी वापस लौटा  सकता है ? अथवा उस कर्ज को कभी वापस लौटा  सकता है ? मेरा मानना यह है कि  उस कर्ज को चुकाना कभी भी संभव नहीं  है ?
इतना सब कुछ करने के बाद यदि बेटा माता, पिता और गुरु का तिरस्कार करता है और उससे उल्टा बोलता है तो वह कितना बड़ा पाप करता है ? जरा सोचो। इस दुनिया में क्या उस पाप का कोई प्रायश्चित  है ??? यदि कोई प्रायश्चित है तो लिखें । यदि कोई प्रायश्चित नहीं है तो लाइक करें ।

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