पाँच ब्रह्म एवं पाँच शब्द - आदिश्री अरुण
(१ ) सद्गुरु के बैठने का स्थान सत लोक (१) वीणा / वैग पाईप
(२) सोहम ब्रह्म भँवर गुफा (२) वंशी
(३) रा रं ब्रह्म दसम द्वार (३) सारंगी / सितार
(४) माया ब्रह्म त्रिकुटी (४) ताल, गर्जना
(५) ज्योति निरंजन सहस्रार (५) घंटा, शंख