डर या भय


आदिश्री अरुण जी का वचन सपनों को सच बनाने में अहं भूमिका निभाती है और प्रत्येक मनुष्य के जीवन में जोश का संचार करती है। असंभव को भी संभव बना देने की ताकत है उसमें। सपने के सच होने की सम्भावना ही जीवन को रोचक बनाती है। और केवल एक ही चीज है जो किसी सपने को पूरा होना असंभव बनाती है वह है असफलता का डर । सपना आपके जीवन में सबसे रहस्यमय और दिलचस्प अनुभवों में से एक है। आप अपनों में एक बहुत ही खुबसुरत जिंदगी जी सकते है अगर आप सच मुच कभी सपने देखे होंगे। जरा सोचो कि सपनों के बिना जीवन कैसा होगा ? क्योंकि सपनों के बिना कोई भीजीवन नहीं जी सकता है और यह एक सनातन सत्य है। अगर कोई इन्सान आपको कहता है कि उसे सपने नहीं आते तो इसका मतलब यह है कि वह अपने सपनों को भूल चुका है। आप को कभी भी यह याद नहीं होगा कि आपका सपना कहाँ से शुरू हुआ था। जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल अवश्य ही मिलता है। जीवन में कठिनाइयाँ आपको बर्बाद करने नहीं आती है बल्कि यह आपकी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकलने में आपकी मदद करती है । मैं तो कहता हूँ कि कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आपउससे भी ज्यादा कठिन हो। आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत असफलता नामक बिमारी को मारने के लिए सबसे अच्छी दवा है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है। आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदतें बदल सकते हैं और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपके भविष्य को बदल देगी।अपनी पहली सफलता के बाद विश्राम मत करो क्योंकि अगर आप दूसरी बार में असफल हो गए तो बहुत से लोगों के मुंह यह कहने के इंतज़ार में होंगे की आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का था । जो लोग आधे अधूरे मन से कोई काम करते हैं उन्हें आधी अधूरी सफलता ही मिलती है जो चारों ओर कड़वाहट भर देती है। सत्य यह है कि आपको प्रयत्न करना नहीं छोड़ना चाहिए और समस्याओं से नहीं हारना चाहिए। जिंदगी और समय विशव के दो सबसे बड़े शिक्षक हैं । ज़िंदगी आपको समय का सही उपयोग करना सिखाती है जबकि समय आपको ज़िंदगी की उपयोगिता बताती है। ईश्वर जो आपके निर्माता हैं उन्होंने आपके मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी है। ईश्वर की प्रार्थना आपको इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है। हर सुबह पांच बातें अपने आप से अवश्य ही बोलो - (1) मैं सबसे अच्छा हूँ (2) मैं यह कर सकता हूँ (3) ईश्वर हमेशा मेरे साथ है (4) मैं एक विजेता हूँ (5) आज का दिन मेरा दिन है। क्योंकि कारवाई करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए। नियम कुछ ऐसे हो कि उन्हें पकड़ो और ऊनके अनुकूल चलो तो ये आपको सफलताके लक्ष्य तक अवश्य ही पहुंचा देगा।

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