जीवन
में खुश रहने
के लिए एक
सुदृढ़ फैसला
करो। खुश
रहने के लिए
अपने जीने का
एक तौर-तरीका
बनाओ। परमेश्वर ने
एक दिन में
हमें 86,400 सेकंड का
उपहार दिया है।
क्या आपने उसमे
से १ सेकेंड
“धन्यवाद” कहने के
लिए प्रयोग किया
है ? क्योंकि वास्तविक
ख़ुशी व् वास्तविक
आनंद लोगों को तब
मिलता है जब
वह परमेश्वर के
अत्यन्त नजदीक होता
है। परमेश्वर
के अत्यन्त नजदीक
जाने का केवल
एक ही उपाय
है सूरत शब्द
योग, परन्तु कितने
लोग हैं जिनका
रुझान सूरत शब्द
योग की ओर
है ? बहुत ही
कम। अधिकतर लोग
मंदिर की परिक्रमा
करने और मंदिर
के द्वार पर
मत्था टेकने में
ही जीवन बिता
देते हैं ।
अगर संयोगवश
उनकी कोई मुराद
पूरी होगई तो
वे मंदिर में चढ़ावा
चढाने तक ही
सिमट कर रह
जाते हैं। भगवान
को धन्यवाद देने
के लिए भी
उनके पास समय
नहीं है तो
फिर भगवान के
समीप जाने की
बात कौन
सोचेगा ? अनन्त सुख पाने
की लालसा वे रखते
तो हैं लेकिन
अनन्त सुख पाने
का जो रास्ता
है उस पर
वे चलते नहीं,
क्योंकि धर्म के
नेता उन्हें पथभ्रष्ट
कर देते हैं।
जिनके अन्दर भगवान्
प्राप्ति का जोश
होता है उनको भरमाने
के लिए समाज
में अनेक लोग
गुरु बनकर बैठे
हैं । एक्का
- दुक्का लोग ही
होते हैं जिन्हें
सद्गुरु की तलाश
होती है और वे
सद्गुरु को ढूंढ़ कर
भगवान को प्राप्त
कर पाते
हैं और उन्हें
अनन्त सुख की
प्राप्ति होती है।
क्या उस एक्का - दुक्का लोगों
में आप भी
अपना नाम शामिल
करना चाहते
हैं ? - आदिश्री अरुण
क्या आप खुश रहना चाहते हैं ?
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