MAHA UPADESH OF AADISHRI, PART - 16; आदिश्री का महा उपदेश, भाग - 16

आदिश्री का महा उपदेश भाग -  16

आदिश्री अरुण 


चारो चरण में धर्म को आ जाना परम सुख को अपने लिए दावत  देना है और धर्म को चारो चरण में आ जाने से सत्य युग आ जायेगा । धरती पर धर्म की स्थापना हो जाने से ही कलियुग की समाप्ति और सत्य युग का प्रारम्भ हो जाएगा  । और जब  सत्य युग का प्रारम्भ हो जाएगा तब इस सत्य को लोग अनुभव कर सकेंगे ।

धर्म की स्थापना हो  जाने का अर्थ केवल दुष्ट एवं पापियों का संहार हो जाना ही नहीं है बल्कि बचे हुए शेष लोगों के वर्तमान सोच को भी नष्ट हो जाना होगा  तभी धर्म की स्थापना हो जाएगी  । 

वर्तमान सोच का नाश हो इसके लिए यह आवश्यक है कि Reaction में परिवर्तन हो जाना ।  आप किसी के बातों का Justify  नहीं करें कि उसने क्या कहा  ? बुड़ा कहा या थोड़ा बुड़ा कहा या बहुत बुड़ा कहा  बल्कि उनके  बातों से आपने कैसा React  किया ? लोगों ने आपको गलत कहा या सही कहा - "इस बात को नहीं देखना है " बल्कि आप केवल सही या गलत  अपने Reaction का चेक करेंगे अर्थात आपने जो React  किया वह सही  था या गलत ?   उन बातों से आपके दिल में कितना दर्द हुआ इसका Justify करो ।  किसी ने अगर आपके साथ बहुत गलत किया अथवा बहुत गलत बोला - वह Right है या Wrong  है आपको Justify  नहीं करना है ।  आपका जो Reaction है वह Right  है  या  Wrong है यह विचार करना ही परिवर्तन है क्योंकि यही परिवर्तान आपके सोच को बदल देगा  ।   तो  वर्तमान समय में जो आपका सोच है वह बदल जाय इसके लिए आप पहला स्टेप क्या लेंगे ? आपका जो Reaction है वह Right  है  या  Wrong है इस पर आप विचार करेंगे, अर्थात Justify करेंगे । जब तक आप अपने Reaction  को Right  कहते कहते जाएँगे  यानि  Negative  Reaction ; Negative means  जो आपके लिए uncomfortable है, जो आपके बर्दास्त के बाहर है, जो आपके बर्दास्त के बहार है, जो आपको  पड़ेशान  करता है, जो आपको उदास कर देता है, जो आपके मूड  को ख़राब कर देता है, जो आपको अपसेट कर देता है, जो आपके शरीर पर बुड़ा प्रभाव डालता है, जो आपके रिश्तों में दरार पैदा करता है, जो आपके प्रियजनों में कड़वाहट लता है  - इसप्रकार कोई भी Reaction , छोटा सा छोटा इस तरह का Reaction  भी आपके लिए Right  नहीं है - ऐसा सोचना शुरू कीजिये - यह दूसरा स्टेप है।
जो   Reaction  हानिकारक है,   जो   Reaction Dimaging हो,  जो   Reaction  थोड़ा भी हानिकारक है तो वह आपको कुछ न कुछ नुकसान करके ही जाएगा। जहर का यदि एक बून्द भी आप पिओगे तो वह आपको कुछ न कुछ अवश्य ही नुकसान करके जाएगा- यह जानकार अपने अन्दर होने वाले Reaction का Justify करो  ।  तब आप बात करना शुरू करो। यदि आप यह कहते हो कि मुझको पहले एक घंटा तक गुस्सा आता था लेकिन अब केवल एक मिनट ही गुस्सा आता है ; मुझमें बहुत परिवर्तन हुआ है। सच्चाई यह है कि यदि आपको एक मिनट भी गुस्सा आता है तो आपमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ। चाहे किसी तरह की बात क्यों न हो, आपके अन्दर  जो Reaction होता है वह क्रोध का नहीं हो ऐसा लक्ष्य होना चाहिए। जब तक आप अपने लक्ष्य को प्राप्त न कर लें तब   तक आप बोलने का काम शुरू नहीं करें। आप कभी भी Uncomfortable Reaction को आप कभी भी
Right नहीं कहोगे। Right कहते ही आपका Negative संस्कार और भी Strong हो जाएगा जो आपके वर्त्तमान सोच या ख़राब सोच को बदलने से रोक देगा ।  आप यह मान लीजिये कि Uncomfortable  Reaction कैंसर है। आप इस कैंसर को Oparate करो और बहार फेंक दो। अगर यह थोड़ा भी रह गया तो आपको दुबारा कैंसर हो जाएगा। आप justify करक बोलने का काम शुरू कर दो तो आपके अन्दर आपके सोच में अपने आप परिवर्तन हो जाएगा। यदि आप सभी ऐसा करना शुरू कर दो तो धरती पर जल्द ही धर्म की स्थापना हो जाएगा।  

Post a Comment

और नया पुराने