19th
October 2017 को भगवान श्री विष्णु
जी का शादी - सालगिरह
आप भी दीपक जला कर मनाइये
आदिश्री अरुण
पूर्ण ब्रह्म ने अपने आपको तीन विष्णु में प्रकट किया - महाविष्णु (Lower Energy), गर्वोदकासायी विष्णु (Higher Energy) और क्षीरदकोसायी विष्णु (सुपर सोल / आदिश्री / ईश्वर पुत्र / पूर्णब्रह्म के सदृश / पहिलौठा / First Born "आदि पुरुष")
क्षीरदकोसायी विष्णु (सुपर सोल / आदिश्री / ईश्वर पुत्र / First Born "आदि पुरुष") ने अपने आप को तीन गुणों में अलग - अलग रूप में अलग - अलग नाम से प्रकट किया क्योंकि तीन गुणों के बिना सृष्टि की उत्पत्ति संभव नहीं। क्षीरदकोसायी विष्णु जी के वे तीनों रूप हैं - ब्रह्मा (रजो गुण), विष्णु (सत गुण) और महेश अथवा "भगवान शंकर जी" (तमोगुण) अर्थात जो क्षीरदकोसायी विष्णु हैं वही ब्रह्मा जी हैं, जो क्षीरदकोसायी विष्णु हैं वही विष्णु जी हैं और जो क्षीरदकोसायी विष्णु हैं वही महेश अथवा भगवान शंकर जी हैं।
सतगुण सम्पन्न उन्हीं
भगवान श्री विष्णु
जी का धरती
पर देवी लक्ष्मी
जी से शादी
होना है। क्या
आप जानते हैं
कि भगवान श्री
विष्णु जी की शादी देवी
लक्ष्मी जी से
कब हुई ? कार्तिक मास
के अमावश्या को
समुद्र मंथन के
दिन अर्थात दीपावली
के दिन।
19th October 2017 को दीप जला कर देवी लक्ष्मी तथा भगवान् श्री विष्णु जी का शादी - सालगिरह हर घर में मनाइए लेकिन ख्याल रहे कि दीपक लाइनों में सजी हों।
कार्तिक मास के अमावश्या को समुद्र मंथन के समय हुआ और उसी दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से धरती पर प्रकट हुई ।
इसके बाद उसी दिन, उसी रात एवं उसी वर्ष देवी लक्ष्मी की शादी उसी अमावश्या के अँधेरी रात को भगवान श्री विष्णु जी के साथ हुई ।
इस शुभ अवसर परभव्य प्रकाश वाली दीप जला कर पंक्तयों में रखी गई, तब से लोग दीप जला कर दीपावली मानाने लगे ।
यही
कारण है कि
कार्तिक मास के
अमावश्या को दीपावली के दिन
लोग देवी लक्ष्मी
का जन्म दिन तथा
उनका शादी - सालगिरह (MARRIAGE - ANNIVERSARY) मानते हैं ताकि
आने वाले पूरे
साल आशीष मिले
।
दीपावली
के दिन देवी
लक्ष्मी का जन्म
दिन
तथा भगवान श्री
विष्णु जी एवं
लक्ष्मी
जी का शादी
- सालगिरह आप
भी
दीप जला कर
मनाइये ताकि
आपके
घर में भी
देवी लक्ष्मी तथा
भगवान
श्री विष्णु जी
का आशीष
आने
वाले पूरे साल
मिले ।