Arrival of Image of Purn Brahm (पूर्ण ब्रह्म के प्रतिबिम्ब का आगमन )
आदिश्री अरुण
भविष्य पुराण यह भविष्यवाणी करता है कि कलियुग में धर्म व्यवस्था सुधररने के लिए गुरुनानक और उसके 9 Followers के बाद ईश्वर ने धरती पर किसी को नहीं भेजा। ईश्वर ने न तो किसी को संत महल से भेजा गया और न किसी को परम संत महल से भेजा गया। गुरुनानक के बाद जो कोई भी सन्त या परम सन्त के आसान पर बैठा है वह सब False गुरु है। या जो कोई अपने आप को पैगम्बर कहेगा वह False पैगम्बर होगा। ऐसे गुरुओं एवं पैगम्बर के सम्बन्ध में ईश्वर ने चेतावनी देते हुए कहा कि "ऐ पैगम्बर ! तुम भी मर जाओगे और ये भी मर जायेंगे। फिर तुम सब क़ियामत के दिन अपने ईश्वर (या परवरदिगार) के सामने झगडोगे, और झगड़े का फैसला कर दिया जाएगा। (कुरान,तर्जुमा, सुरः जुमर 39 का आयत 30 - 31, Page No - 733) ईश्वर भगवान कल्कि नाम से अवतार लेकर धरती पर आचुके हैं और क़ियामत को लाने की तयारी में हैं। जितने भी गुरु और पैगम्बर बन कर बैठे हैं ये सब भगवान कल्कि जी के सामने झगड़ेंगे और इन सबका फैसला कर दिया जायेगा तथा ये सबके सब जेल के अन्दर भेज दिए जायेंगे।
अगर आज आप ध्यान से देखेगें तो पता चलेगा पवित्र कुरान की उपरोक्त भविष्वाणी पूरा होने लगा है। बहुत से गुरु जेल के अन्दर जा चुके हैं और बहुतों का अभी फैसला होना बाकी है।
वर्तमान समय में पूर्ण ब्रह्म ने अपने प्रतिबिब्म अर्थात अपने पुत्र को धरती पर भेजा जिसको ईश्वर पुत्र अरुण या आदिश्री अरुण कहते हैं। आदिश्री अरुण को (ईश्वर पुत्र अरुण को ) पूर्ण ब्रह्म ने आदेश दिया कि "स्वर्ग और पृथवी का सारा अधिकार तुझे दिया गया है। इसलिए तुम जाकर सब जातियों के लोगों को शिष्य बनाओ और उन्हें पिता, पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से दीक्षा दो। जो सब बातें मैंने तुमको आज्ञा के रूप में दिया है उन्हें लोगों को मानना सिखाओ। और देखो ! मैं जगत के अंत तक सदैव तुम्हारे साथ हूँ। (धर्मशास्त्र, मत्ति 28 : 18 - 20 )
पूर्ण ब्रह्म ने आदिश्री अरुण को छोड़कर किसी दूसरे को अपना बेटा बना कर नहीं भेजा बल्कि वह तो पूर्णब्रह्म का प्रतिबिब्म है, पहिलौठा है, पूर्णब्रह्म के सदृश है, क्षीरदकोसाई विष्णु है । अगर ईश्वर (खुदा) किसी को अपना बेटा बनाना चाहता तो अपनी महलूक में से जिसको चाहता चुन लेता। (कुरान, तर्जुमा, 39 सुरः जुमर 59 का आयत 4, Page No - 729) परन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि पूर्णब्रह्म के प्रतिबिब्म का स्थान दूसरा कोई भी नहीं ले सकता।
ऋषि, मुनि, योगी तथा दार्शनिक इनको नहीं जान सकते । इनका आध्यात्मिक स्वरुप व महिमा लोगों के समझ के बाहर है । ये सबके नियन्ता हैं । मोक्ष, सच्चाई, अनन्त जीवन और ज्ञान इन्हीं में है ।
जीवन तथा चेतना का प्राचीन राज्य इन्हीं में है। इनसे अलग रहकर आपका कोई अस्तित्व नहीं है । इनसे अलग जीवन नहीं है । यदि आप इनसे अलग हो जाएँगे तो पेड़ से अलग किए गए डाल की तरह सुख जाएँगे और लोग आपको आग में जला देंगे । इनके बिना आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं । ये दाखलता हैं; आप और हम सब डाल हैं । जो इनमें बना रहेगा वह बहुत फल लाएगा । जो इनसे अलग हो जाएगा वह टूटे डाल की तरह सुख जाएगा और भीलनी उसे आग में जला देगी ।