21 जुलाई 2017 को गुरु पर्व आप भी मनाइये
मिल जाए जिसे सद्गुरु का प्यार , उसे फिर किसी और की जरुरत नहीं होती
एक उस पर भरोसा करके देखो, किसी और की जरुरत महशुस नहीं होगी
आते रहोगे दरवार में उनके, अपना शीश झुकाने के लिए
सौ जन्म भी कम पड़ेंगे, सद्गुरु का कर्ज चुकाने के लिए
(१) अपनी जिंदगी के किसी भी दिन को मत कोसना
क्योंकि
अच्छा दिन खुशियाँ लाता है और बुरा दिन अनुभव
एक सफल जिंदगी जीने के लिए "दोनों जरुरी है
"
(२) जिस दर पे जाके आपके मन निर्मल हो जाएँ
मन पुकार - पुकार के कहे कि अब जन्म - मृत्यु का मेरा बंधन काटो
आपके आँखों से अश्रुधारा निकल पड़े, बिन कहे आपको उत्तर मिल जाय
मन को शांति मिले और मन खुश हो जाय, वही है गुरु का द्वार