What is Dharm and Adharm ?
धर्म और अधर्म क्या है ?
आदिश्री अरुण
धर्म : धर्म का अर्थ होता है स्वभाव, धर्म का अर्थ होता है तुम्हारी सहजता। जैसे गुलाब में सुगंध है - यह सुगंध गुलाब का स्वभाव है । अग्नि में तप्त व् जलन है - यह तप्त व् जलन अग्नि का स्वभाव है । जल में शीतलता - शीतलता जल का स्वभाव है । उस स्वभाव में जीने का नाम धर्म है ।
अधर्म (पाप): तुम्हारा जो स्वभाव है, जो तुम्हारी सहजता है, तुम में जो गुण है, तुम में जो खुशबू है उसके विपड़ित जीने का नाम अधर्म (पाप) है ।