ईश्वर में खुशी
आदिश्री अरुण
DELIGHT IN THE LORD - धर्मशास्त्र में यह भविष्वाणी किया गया है कि - ईश्वर को अपने सुख का मूल जानो और वे तेरे हर मनोरथों को पूरा करेंगे। ईश्वर में खुशी का अर्थ होता है हमारे ह्रदय को सचमुच शांति मिले और केवल उन्हीं में सबकुछ पूर्ति हो। यदि सचमुच आपको ईश्वर में विश्वास है और आप ईश्वर का मूल्य समझते हैं तो आपके दिल में निश्चित ही ईश्वर पाने की लालसा बढ़ जाएगी ।
प्रति दिन मन्दिर या मस्जिद जाने से दिल में ईश्वर पाने की लालसा नहीं बढ़ती । यदि सचमुच आप ईश्वर के अनन्त चीजों से खुश होते हैं और उनमें ही खुशियाँ ढूँढना चाहते हैं तो वह अपके इच्छाओं के समानांतर शुरू हो जाएगी और आपकी कोई भी इच्छा अधूरी नहीं रहेगी । यदि आपका दिल खुशियों से भर जाएगा तो ईश्वर आपके दिल की हर इच्छाओं को पूर्ण करेंगे क्योंकि ईश्वर की खुशी ही आपका बल है ।
यदि आप दुख की राह से गुजरते हैं तो चुनौतियाँ आपको दबाने की कोशिश करती है या फिर यदि आपका दिल पड़ेशानी और कष्टों की घाटियों में सिमट गया है तो आप मुँह से बोलिए "भगवान कल्कि ! मैं आपसे प्यार करता हूँ ।" जब आप ऐसा करते हैं तो आत्मा में उनकी पूजा भी कीजिये; तब वह ईश्वर आपकी प्रार्थना को सुनेंगे ।
मैं ऐसा इसलिए कहता हूँ कि ईश्वर को छोड़ न तो आप संसार से प्रेम रखो और न संसार के वस्तुओं से प्रेम रखो । यदि कोई संसार से प्रेम रखता है तो ईश्वर उससे प्रेम नहीं रखते । क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, आँखों की अभिलाषा और जीविका का घमंड वह तो संसार की ओर से है, वह ईश्वर की ओर से नहीं है । संसार और उसकी अभिलाषाएँ दोनों मिट जाते हैं परन्तु जो कोई व्यक्ति ईश्वर की इच्छा पर चलेगा वह हमेशा बना रहेगा । इसलिए यदि संसार आपको कोई वस्तु ऑफर करना चाहता है तो आप ईश्वर के द्वारा पूर्णतया या भरपूर खुशियाँ प्राप्त नहीं कर सकेंगे । यदि आप सबसे पहले ईश्वर को महत्व दें और आप अपनी खुशी और आशा भगवान कल्कि से पाने की रखें तो वह ईश्वर आपके सभी जरूरतों की चीजों को पूरा करेंगे । यहाँ तक कि वे आपके दिल की हरएक इच्छाओं को पूर्ण करेंगे । यदि आप अपने जीवन में सचमुच ईश्वर को सबसे पहला स्थान देंगे तो आपकी हरएक मनोकामनाएँ पूरी होगी और साथ ही साथ ईश्वर नाम में आप अनन्त खजाने को भी प्राप्त करेंगे ।
यह संसार आपके अनन्त इच्छाओं को पूर्ण नहीं कर सकता है । परन्तु यदि आप भगवान कल्कि जी की राह में खुश रहेंगे तो वे आपको कल्पना और आशा से अधिक चीजों को देंगे । ईश्वर ने कहा कि जो प्यासा है मैं उसको पानी देता हूँ लेकिन उससे उसकी प्यास नहीं बुझेगी । उसके बदले में मैं जो उनको पानी दूंगा वह जल का स्रोत है जो उसे अनन्त जीवन प्रदान करेगा ।