21 Sign of the Incarnation of Kalki Avatar / भगवान कल्कि के अवतार लेने की क्या है 21 निशानियाँ ?

भगवान कल्कि के अवतार लेने की क्या है 21 निशानियाँ ?


ईश्वर पुत्र अरुण  

21 Sign of the Incarnation of Kalki Avatar

(1) कलियुग में वेद को जानने वाले कोई नहीं होंगे । धर्म बताने वाला वेद मार्ग नष्ट हो जायेंगे । ब्राह्मण वेद बेचेंगे । पाखंडी लोग अपने नए - नए मत चला कर मनमाने ढंग से वेद का तात्पर्य निकालने लगेंगे । 

(2) कलियुग में पाखंडियों के कारण लोगों का चित्त भटक जाएगा । इस कारण लोग अपने कर्म और भावनाओं के द्वारा ईश्वर की पूजा से विमुख हो जायेंगे ।   
(3) कलियुग में लोग भगवान नारायण की पूजा नहीं 
करेंगे । 


(4) लोगों का भाग्य तो बहुत मन्द होगा परन्तु मन में कामनाएँ बहुत ही अधिक होगी । 

(5) लोग माता - पिता, भाई - बन्धु और मित्रों को छोड़ कर केवल अपनी साली और सालों की सलाह लेने लगेंगे । जिनसे वैवाहिक सम्बन्ध है उन्हीं को अपना संबंधी माना जाएगा । 

(6) लोग हमेशा रोग ग्रस्त रहेंगे । रोगों से तो उनको छुटकारा मिलेगा ही नहीं । ऐसे - ऐसे रोग फैलेंगे कि उसका इलाज संभव न हो सकेगा । 

(7) लोग नाटे कद के होने लगेंगे । वे नाना प्रकार के कुकर्मों से जीविका चलने लगेंगे।   स्त्रियों का आकार बहुत ही छोटा हो जायेगा। वह बहुत कठोर वचन बोलने वाली होगी तथा पति को अपने वश में रखेगी। स्त्रियां अपने पति के कहना में नहीं रहेगी । 

(8) गौएँ बकरियों की तरह छोटी - छोटी और कम दूध देने वाली हो जाएगी । धन, जौ, गेहूँ, धान आदि के पौधे छोटे - छोटे होने लगेंगे । 

(9) लोगों की आयु 20  से 30  वर्ष की हो जाएगी।

(10) लोगो नकारात्मक सोच वाला हो जायेंगे । वे धर्म का सेवन केवल यश के लिए करेंगे । 

(11) जो लोग घूस देने और धन खर्च करने में असमर्थ होंगे उन्हें अदालत में न्याय नहीं मिलेगा ।

(12) जो जितना अधिक दम्भ पाखंड करेगा वह उतना ही बड़ा पंडित समझा जायेगा । जो जितना ढिठाई से बात करेगा वह उतना ही सच्चा समझा जायेगा । 

(13) सन्यासी धन के लोभी हो जायेंगे । अर्थात वे अर्थ पिचास हो जायेंगे। 

(14) राजे - महाराजे लुटेरों के सामान हो जायेंगे ।

(15) राजा कहलाने वाले लोग प्रजा की साडी कमाई हड़प कर उन्हें चूसने लगेंगे । वे कर - पे - कर लगाते चले जायेंगे जिससे प्रजा का जीवन बड़ा ही कठिन और दुखद हो जाएगा ।  

(16) बिना अमावस्या  के ही सूर्य ग्रहण होगा । चंद्र और तारों की चमक कम हो जाएगी । 

(17) कभी वर्षा होगी तो कभी सूखा पड़ेगी, कभी मोती धार वाली वर्षा होगी तो कभी बढ़ आजायेगी, कभी कड़ाके की सर्दी पड़ेगी तो कभी पाला पड़ेगा, कभी आंधी चलेगी तो कभी गर्मी पड़ेगी । धरती का तापक्रम काफी बढ़ जाएगा।

(18) लोगों में अराजकता फैल जाएगी।

(19) गृहाथों के घर अतिथि सत्कार या वेद ध्वनि बन्द हो जायेंगे । 

(20) ऐसा समय आजाने पर भगवान विष्णु शम्भल ग्राम में विष्णु यश के घर कल्कि नाम से अवतार ग्रहण करेंगे । उनके माता का नाम सुमति तथा दादा का नाम ब्रह्म यश होगा ।

(21) धर्मग्रन्थ के  अनुसार भगवान कल्कि  उत्तर भारत के शम्भल ग्राम में श्रेष्ठ ब्राह्मण (Group of Brahman) विष्णुयश के  घर अवतार लेंगे । उत्तर भारत में दो शम्भल ग्राम है - एक मुरादाबाद में तथा दूसरा मथुरा और वृन्दावन के बोर्डर पर (गौड़ी मठ के पास) । मुरादाबाद शम्भल में 98 % मुस्लिम हैं तथा 2 % में अन्य जातियाँ निवास करती है तथा यहाँ बहुत कम ही ब्रह्मण परिवार हैं। यहाँ के अधिकतर लोग इस्लाम धर्म को मानने वाले हैं और भगवान कृष्ण  पूजा करने वाले लोग नहीं के बराबर हैं । अतः इस शम्भल में Group of  Brahman की कल्पना ही नहीं किया जासकता है । मथुरा और वृन्दावन के बोर्डर पर (गौड़ी मठ के पास) जो शम्भल है वहाँ पार  ब्रह्मणों की संख्या बहुत ही अधिक  लोग हैं तथा यहाँ के अधिकतर लोग भगवान कृष्ण की पूजा करने  वाले हैं । अतः यही शम्भल भगवान कल्कि जी का अवतार स्थान है। संक्षिप्त भविष्यपुराण 4;5:27-28 ; प्रतिसर्ग पर्व, चुतुर्थ खंड पेज नो 331 के अनुसार भगवान श्री विष्णु ने कहा कि  मैं देवताओं के हित और दैत्यों  के विनाश के लिए कलियुग में अवतार लूंगा और कलियुग में भूतल पर स्थित सूक्ष्म रमणीय दिव्य वृन्दावन में रहस्यमय एकांत - क्रीड़ा करूँगा। घोर कलियुग में सभी श्रुतियाँ गोपी के रूप में आकर रासमंडल में मेरे साथ रासक्रीड़ा करेगी। कलियुग के अंत में राधा जी के प्रार्थना को स्वीकार करके मैं रहस्यमयी क्रीड़ा  को समाप्त कर के कल्कि के रूप में अवतीर्ण होऊंगा  ।

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