क्या है सूरत शब्द योग ?
ईश्वर पुत्र अरुण
क्या है सूरत शब्द योग ?
सूरत शब्द योग अंतर्मुखी स्थिति में जा कर प्रकाश और आकाशीय ध्वनि से अपने आप को जोड़ने की धारणा पर आधारित है। सूरत का अर्थ है "आत्मा" अर्थात वह ध्यान या वह चेहरा जो कि कैसे आत्मा खुद को बाहर व्यक्त व्यक्त किया है। (‘Surat’ means ‘attention’ which is how the soul outwardly expresses itself) शब्द का अर्थ है वह शब्द जो आत्मा की संगीत को व्यक्त करे। (‘Shabd’ literally means ‘word’. In Surat Shabd Yoga, the term ‘word’ signifies the music of the soul) योग का अर्थ होता है जोड़ना। (‘Yoga’ means ‘union’) और सूरत शब्द योग का मुख्य उद्देश्य है आत्मा को उस शब्द से जोड़ना जो आत्मा के संगीत का सार है। या फिर रचनात्मक ऊर्जा के गतिशील बल का प्रयोग कर उनसे जोड़ना जो सृष्टि में चारों तरफ कम्पन के रूप में मौजूद है।
सूरत शब्द योग ध्यान मार्ग का एक ऐसा व्यावहारिक साधन है जो अन्दर के रहस्यमय प्रकाश और आत्मा का शब्द सुन कर अनुभव करने के लिए सक्षम है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसको "जीने और मरने की कला" कहते हैं जिसमें बहिर्मुखी ध्यान अंतर्मुखी हो जाता है और ध्यान मूर्त रूप में प्रकट हो कर दिव्य शक्ति के संपर्क में आ जाता है। दिव्य शक्ति के संपर्क में आ जाने से शांति, प्रेम, प्यार, आनंद, परम आनंद प्राप्त होता है तथा भय, चिंता और पड़ेशानी दूर होता है।