परमेश्वर की प्रार्थना करने का दूसरा वजह यह है कि परमेश्वर से हर रोज और बार - बार प्रार्थना करने से उसके साथ रिस्ता मजबूत होता है। एक सच्चे दोस्त एक - दूसरे से सिर्फ तभी बात नहीं करते जब उन्हें किसी चीज की जरुरत होती है। इसके बजाय, वे घंटों एक दूसरे से बातें करते हैं। वे सोचते हैं, कैसा महशूस करते हैं और किस बात से पड़ेशान हैं - ये साड़ी बातें खुल कर एक दूसरे को बताते हैं। वे एक - दूसरे की सच्चे दिल से परवाह करते हैं। यही कारण है कि उनकी दोस्ती दिनों - दिन पक्की होती जाती है। परमेश्वर से रिस्ता बहुत मायने में इसी तरह का ही है।
आपको पता होना चाहिए कि परमेश्वर सिर्फ एक शक्ति ही नहीं बल्कि वे आपके पिता भी हैं, आपके माता भी हैं, आपके भाई भी हैं और आपके दोस्त भी हैं। इसलिए प्रार्थना में आप अपने परमेश्वर के सामने अपने विचार और अपने दिल की हर बात खुल कर बताइये। ऐसा करने से परमेश्वर और आपके बीच का सम्बन्ध और पक्का होगा। तब परमेश्वर आपकी हर बात सुनेंगे और आपको परमेश्वर से हर मदद समय से मिलेगा - आदि श्री अरुण