भगवान कल्कि राजाओं के राजा हैं। भगवान कल्कि शान्ति के राज कुमार हैं। भगवान कल्कि भक्तों के लिए धरती पर अवतार लेकर आये हैं इसलिए कि आप लोग पड़ेशानियों में घिरे हैं । पड़ेशानी कौन उतपन्न करता है ? शैतान। शान्ति का परमेश्वर भगवान कल्कि, शैतान को तुम्हारे पावों से शीघ्र कुचलवा देंगे । परमेश्वर ने कहा कि मैं तुम्हें अपनी शांति देता हूँ। जैसा शान्ति संसार देता है वैसा शान्ति मैं तुम्हें नहीं दूंगा बल्कि मैं तुम्हें ऐसा शान्ति दूंगा जिससे तुम्हारा मन न घबराएगा और तुम नहीं डरोगे। यदि तुम मुझमें बने रहो और मेरी बातें तुम में बनी रहे तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिए हो जायेगा।
एक आदमी था। वह बड़ा ही पड़ेशान था। उसकी शान्ति ख़त्म हो गई थी। वह शान्ति पाने के लिए बहुत कोशिश किया परन्तु उसे शान्ति नहीं मिली। एक दिन वह व्यक्ति मनोवैज्ञानिक डाक्टर के पास इलाज करवाने आया। उसने डाक्टर से कहा - मैं बहुत पड़ेशान हूँ, मैं डिप्रेशन में हूँ। मुझको कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। कुछ ऐसा उपाय कीजिये कि मुझे शान्ति मिले। डाक्टर ने कहा कि शहर से बहार चरों ओर पहाड़ी है। तुम उस पहाड़ी पर चले जाओ और वहाँ से शहर को देखो, खुले आसमान को देखो तो तुम्हें शान्ति मिलेगी। उसने डाक्टर से कहा - मैं उस पहाड़ी पर गया था परन्तु मुझे शान्ति नहीं मिली। तब डाक्टर ने उससे कहा कि तुम समुद्र किनारे चले जाओ और वहाँ समुद्र की गिरने वाली और उठने वाली लहरों को देखो तो शान्ति मिलेगी। उस व्यक्ति ने डाक्टर से कहा - मैं समुद्र किनारे गया था परन्तु मुझे कोई शांति नहीं मिली। तब डाक्टर ने उससे कहा कि अपने शहर में एक सर्कस आया है। उसमें एक जोकर है जो सबको बहुत हँसता है। वहां जाकर लोग अपना गम भूल जाते हैं। तुम उस सर्कस को देखने जाओ। तुम निश्चित ही अपने पड़ेशानी को भूल जाओगे। उस व्यक्ति ने डाक्टर से कहा - मैं ही वह जोकर हूँ जो सबको हँसाता हूँ और सबके दुःख दर्द को भुला देता हूँ। लेकिन मेरे दुःख को कौन भुला देगा ? मैं उसी की तलाश में हूँ। केवल परमेश्वर ही हैं जो तुमको दुखों से बहार निकाल सकते हैं। यदि तुम भी ऐसे दुःखों में घिरे हो तो तुम केवल परमेश्वर के ही शरण में जाओ । परमेश्वर तुमको सभी दुखों एवं पड़ेशानियों से बहार निकाल देंगे।