What is the 5 Ways for Achieving Success ? / क्या है सफलता पाने के 5 उपाय ?




क्या है सफलता पाने के 5 उपाय ?

(ईश्वर पुत्र अरुण )

What is the 5 ways for achieving success

What is the 5 Ways for Achieving Success ? /  क्या है सफलता पाने के 5 उपाय ? /Kalki Avatar


निराशा के पतझर को समाप्त कर फिर से मुस्कान का फूल खिला देने का अवसर यदि आप नहीं चुकना चाहते हैं तो आप पाँच रास्ते पर चलने के लिए तैयार हो जाइए । यदि आप इन रास्तों पर चलेंगे तो  आपके जीवन में फिर से बहार आजायेगा । मेरा प्रयास है कि मैं आपके होठों पर  फिर से  मुस्कान ला दूँ  । तो अब आप दिल थाम कर तैयार हो जाइए वो  पाँच उपाय जानने के लिए जो आपके जीवन में फिर से वसंत ला देने का सामर्थ्य रखता है । ये पाँच उपाय निम्नलिखित हैं :
(1) लक्ष्य निर्धारित करो
(2) लक्ष्य पर फोकस करो
(3) जोश व्  उत्साह बढ़ा दो
(4) उत्साह बरकरार रखने के उपाय करो
(5) लक्ष्य को समय से नहीं बांधो
(1) सफलता पाने के लिए सबसे पहले एक लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी है। जब लक्ष्य निर्धारित हो गया तब आप केवल उस लक्ष्य की  ओर आगे बढ़िए और उस  लक्ष्य को पाने के लिए आप अपनी पूरी ताकत झोंक दीजिए । अर्थात अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने  जीवन पर पोजिटिव इम्पेक्ट डालें ।
(2) लक्ष्य बनाने के बाद दूसरा स्टेप है लक्ष्य पर फोकस करना, और उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मिहनत करना । उस लक्ष्य को अपना जीवन बना लो, शारीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और बाकी सभी विचारों को किनारे रख दो । यही सफल होने का तरीका है। चाहे जितनी भी विनाश (डिस्ट्रक्शन्स) आ जाएं आपको सिर्फ और सिर्फ अपना लक्ष्य प्राप्त करना है और कुछ नहीं । दूसरी चीजें चाहे कितनी भी आकर्षित करने वाली (attractive) क्यों न हों, उसमे कितना ही पैसा क्यों न मिले, कितनी ही शोहरत क्यों न मिले  वे नहीं चाहिए बल्कि  मुझे अपने जीवन  में सिर्फ और सिर्फ एक चीज चाहिए वह है मेरा लक्ष्य और कुछ नहीं, ऐसा आपके अन्दर की  सोच हो।
(3) तीसरी चीज है जोश  यानि कि उत्साह को बढ़ा देना । जोश का मतलब नाचना या गाना  नहीं है या फिर अपनी भावना को व्यक्त करना नहीं है बल्कि  अन्दर से कार्य करने के लिए हर हमेशा पूर्णरूप से  तैयार रहना है।   इसका मतलब  अपने लक्ष्य  को लेकर अन्दर से अच्छा महशुश करने से है, अपने प्रयास  को लेकर उत्साहित रहने से है और जब आदमी जोश में काम कर रहा होता है तो वो अत्यधिक प्रयास (extra efforts) करने  के लिए तैयार रहता है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए अनदेखे रास्तों पर चलने को तैयार रहता है, वो सिर्फ पारंपरिक ज्ञान पर नहीं चलता बल्कि नए  तरीकों को अपनाने के लिए भी तैयार रहता है । उसका दिमाग यह सोचता रहता है कि मैं कैसे अपने उद्देश्य ( mission ) को पूरा  कर  सकता हूँ ? मैं कैसे अपने सपने  को वास्तविकता में  में बदल  सकता हूँ ? न चाहते हुए भी परिस्थितियां  आपका एनर्जी लेवल, आपका मोरल डाउन कर सकते हैं । ये सबके साथ होता है। बस ज़रूरत यह  है कि आप फिर से उसी उत्साह, उसी एनर्जी  को वापस पा लें ये सोचकर  कि आप खुद से अपने लिए क्या चाहते हैं?
(4) चौथा उपाय है उत्साह बरकरार रखने  प्रयास करना  । उत्साह बरकरार रखने के लिए आप प्रेरित करने वाला पुस्तक , विडिओ और व्लॉग  का सहारा भी ले सकते हैं। आप जो भी करें, जैसे भी करें पर अपना जोश व्  उत्साह  बनाये रखें । जब आप  ऐसा करेंगे  तो बिना थके आपको आपके लक्ष्य के करीब पहुंचा देगा ।
(5) पाँचवा उपाय है  लक्ष्य को समय से नहीं बांधो  ।  लक्ष्य  के बारे में मैं यह कहना चाहता हूँ  कि लक्ष्य को समय से नहीं बांधो  । लोगों के द्वारा अकसर लक्ष्य को समय में बॉंधने  की सलाह दी जाती है, अर्थात एक निश्चित समय में लक्ष्य को प्राप्त करना है,  एक निश्चित दिनों  में लक्ष्य को प्राप्त करना है । लेकिन आपका उद्देश्य  लक्ष्य को समय से बाँधना नहीं नहीं होना चाहिए बल्कि उनका रिश्ता आपके उत्साह के साथ होना चाहिए ।
यह  महत्व  नहीं रखता है  कि लक्ष्य का पीछा करते हुए एक साल बीता या दो साल बीता या दस साल बीता । अगर उत्साह ज़िंदा है तो लक्ष्य को पाने की आपकी  लड़ाई भी ज़िंदा है और जब तक आपकी  लड़ाई ज़िंदा है तब तक आप जीत सकते हैं।

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