जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। तुम्हारे अन्दर भी परिवर्तन आ सकता है जब मेरी शिक्षा तुम्हारे अन्दर पूर्ण रूप से तुम्हारे मस्तिष्क पर अधिकार कर ले। (आदि श्री अरुण )
वह ईश्वर जो सभी देवों के देव हैं उन्होंने आदि श्री अरुण जी के द्वारा कहा
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