हे मनुष्य ! उठो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो। तुम एक अमर आत्मा हो। तुम एक स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो और सनातन हो। तुम तत्व नहीं हो और ना ही शरीर हो। तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो - आदि श्री अरुण
18 मई 2016 (बैशाख मास शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि) को भगवान कल्कि जी की अध्यक्षता में आध्यात्मिक सम्मलेन
स्थान : सामुदायिक भवन, (रिठाला मेट्रो स्टेशन ) रोहणी सेक्टर - 5