परमेश्वर के आश्रय में ही सब सुख - ईश्वर पुत्र अरुण



परमेश्वर संभल ग्राम की भूमि पर अवतार लेकर आचुके हैं। आज वे  आपके सभी दुखों को मिटाने के लिए तैयार हैं। आज वे आपको सभी विमारियों से मुक्त कर देना चाहते हैं। आज वे आपको  सभी पड़ेशानियों से बहार निकल देना चाहते हैं। परमेश्वर कहते हैं की क्या मेरे लिए कोई भी काम कठिन है ? (धर्मशास्त्र, यिर्मयाह ३२:२७) उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि जवान सिंहों को तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं ; परन्तु परमेश्वर के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होगी।  (धर्मशास्त्र, भजन संहिता ३४:१०) परमेश्वर ने कहा कि कुम्हार की तरह तुम्हारे साथ क्या मैं भी काम नहीं कर सकता ?देख जैसा मिट्टी कुम्हार के हाथ में रहती है, ठीक वैसे ही तुम भी मेरे हाथ में हो। (धर्मशास्त्र, यिर्मयाह १८:६) क्या गढ़ी हुई वस्तु गढ़ने वाले से कह सकती है कि तू ने मुझे ऐसा क्यों बनाया है ? क्या कुम्हार को मिट्टी पर अधिकार नहीं  कि एक ही लोदे  में से एक बर्तन आदर के लिए और दूसरे को अनादर के लिए बनाए ? (धर्मशास्त्र, रोमियों ९:२०-२१) परमेश्वर ने अपना क्रोध दिखने और अपनी सामर्थ्य प्रकट करने की इच्छा से क्रोध के बर्तनों को विनाश के लिए तैयार किया और दया के  बर्तनों पर जिन्हें उसने महिमा के लिए पहले से तैयार किया, उसको अपने महिमा के धन को प्रकट करने की इच्छा से की।  (धर्मशास्त्र, रोमियों ९:२२-२३) परमेश्वर के पास सारी ताकत है कि वे आपको सभी दुखों, सभी विमारियों, सभी पड़ेशानियों से बहार निकल देंगे । आप परमेश्वर में पूर्ण  विश्वास रखें तथा परमेश्वर से पूर्ण आशा रखें तो वे आपके ऊपर आशीष की बरसात करेंगे तथा आपका जीवन अनन्त शांति से भर जाएगा। 

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