पवित्र बनो क्योंकि परमेश्वर पवित्र हैं

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परमेश्वर  कल्कि नाम से भारत के पूण्य भूमि पर अवतरित हुए हैं। वे नहीं चाहते हैं कि लोग पाप में जिएँ इसलिए उन्होंने लोगों से कहा कि तुम पवित्र बनो क्योकि मैं पवित्र हूँ। यह स्पष्ट है कि लोगों के जीवन और अराधना में लापरवाही और विकृति आ गई है।  याजक और जन - साधारण दोनों ही परमेश्वर के शिक्षा के अनुकूल जीवन न जी कर उन्हें धोखा दे रहे  हैं। मनुष्यों ने परमेश्वर के साथ जो वाचा बाँधी थी (संकल्प किया था) उसको तोड़ दिया। इसलिए परमेश्वर ने मनुष्यों से स्पष्ट  कहा कि तुम मेरे आज्ञाओं को मानना, मेरे  आज्ञाओं का  पालन करना और मेरे  को अपवित्र न ठहराना क्योंकि मैं तुम्हारा पवित्र करने वाला हूँ।
मैं अपवित्रता को धारण नहीं करता, अपराध मेरे कर्मों में नहीं, क्योंकि कर्म मेरे लिए आवश्यक नहीं। तीनों लोकों में कोई भी ऐसी बस्तु नहीं जिसको मैं चाहूँ और मुझको न मिले तो फिर कर्म मेरे लिए अनिवार्य कैसे ?लेकिन तुम पाप और दोष से रहित नहीं हो । तुम पाप कर्मों से अलग नहीं हो। पापी रिश्तों से तुम अलग नहीं हो और पाप भरी अभिलाषाओं से लगातार  मेरा अनुसरण कर रहे हो। परमेश्वर ने कहा कि हे  मनुष्य मैं तुम्हारा पवित्र करने वाला हूँ। 
जब परमेश्वर ने स्वयं का मनुष्य रूप धारण किया और संसार में आया और धरती पर कल्कि नाम से विचरण किया तब इसमें तनिक भी संदेह नहीं कि भक्ति का भेद गंभीर है। अर्थात वह परमेश्वर जो शरीर में अवतरित हुआ है, आत्मा में धर्मी ठहरा, स्वर्गदूतों को दिखाई दिया, अन्य जातियों में उसका प्रचार हुआ, जगत ने उसपर विश्वास किया। उनके अवतरित होने पर अंधियारे में चल रहे लोगों ने उजियाला देखा और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी। क्या तुम ग्लानि भरी बातें नहीं करते हो ? और कहते हो कि ओह, पाप का अँधेरा मुझे पड़ेशान कर रहा है। तुम कहते हो कि अँधेरा ने मुझको बिलकुल ही डरा दिया।
आज परमेश्वर   आपके जीवन में प्रकाश बन कर उपस्थित हुए हैं , वे आपको पवित्र करेंगे और  आपके जीवन में उजाला भर देंगे। उन्होंने कहा कि मैं ही वह परमेश्वर हूँ जो आपके जीवन में ख़ुशी का फूल खिला सकता हूँ और आपके जीवन के पथरीले, झाड़ों से भरा एवं चट्टान भरी भूमि को हरा - भरा बना सकता हूँ और आपके जीवन को बहुमूल्य महिमा से भर सकता हूँ।  इसके लिए आपको करना क्या होगा ? क्या आप जानते हैं ? इसके लिए आपको ५ काम करने होंगे जो निम्नलिखित है :
(१) कलियुग में परमेश्वर का  नाम क्या है यह आपको पता करना पड़ेगा।
(२) परमेश्वर का नाम जब जान जायेंगे तब आप उनका नाम अनन्य प्रेम एवं अनन्य  भक्ति से जपेंगे और उनके नाम का संकीर्तन करेंगे।
(३) परमेश्वर के आज्ञाओं का  पालन करेंगे।
(४) आप परमेश्वर का विश्वासयोग्य बनेंगे।
(५)  आप ब्रह्म मुहूर्त में  प्रति दिन ४ से ६ बजे के बीच उठकर  परमेश्वर के रूप का मनन एवं नाम संकीर्तन करेंगे।     

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