प्रत्येक मनुष्य को मृत्यु से डर लगता है। वह मरना नहीं चाहता है। क्योंकि शरीर से प्राण निकलने वक्त इतना असहनीय पीड़ा होती है जिसका तुलना १००० बिच्छू के एक साथ डंक मारने से किया गया है। किसी भी जतन से या किसी भी ट्रिक से डर का भय नष्ट नहीं हो सकता है । जो जन्म लिया उसकी मृत्यु निश्चित है। कोई भी मनुष्य अपने आपको मृत्यु से नहीं बचा सकता। परन्तु इस धरती पर केवल एक ही हैं जो हम सबको मृत्यु से बचा सकते हैं। इस धरती पर केवल एक ही हैं जो हम सबको मृत्यु के भय से बचा सकते हैं। वह कोई और नहीं बल्कि ईश्वर हैं जो भारत के पुण्य भूमि पर कल्कि नाम से अवतार लेकर आये हैं। वे आपको बुला रहे हैं। केवल यही हैं जो आपको अनंत जीवन का उपहार दे सकते हैं। चार हजार पंद्रह वर्ष पहले भगवान नारायण ईशु नाम से धरती पर अवतार लेकर आए जिसको दुनिया क्रिशचन का भगवान कहते हैं जबकि वे सम्पूर्ण मानव जाति के लिए दुनिया में आये थे। उन दिनों वहां मरियम , मरथा और लाज़र नाम का तीन अनाथ रहा करते थे। प्रभु ईशु उन तीनों को बहुत प्यार किया करते थे। लाज़र मरथा का भाई था। प्रभु ईशु ने उन तीनों को चुन लिया था। एक दिन मरथा का भाई लाज़र बहुत वीमार हो गया। उसकी वीमारी ठीक नहीं हुई और एक दिन वह मर गया। मरथा प्रभु ईशु को खबर भेजी कि उसका भाई लाज़र मर गया है। परन्तु प्रभु इशु नहीं आये। वे लाज़र के मृत्यु के तीन दिन बित जाने के बाद आए। तब तक लोग लाज़र को कब्र में दफना चुके थे। प्रभु इशु जब वहां पहुँचे तब उन्होंने देखा कि मरथा रो रही है , मरियम रो रही है , गावँ वाले रो रहे हैं। प्रभु ईशु का हृदय रुदन सुन कर पिघल गया। प्रभु ईशु भी रोने लगे। तब प्रभु ईशु ने मरथा से पूछा कि लाज़र को तुमने कहाँ दफनाया है ? मरथा प्रभु ईशु से बतायी कि लाज़र को एक गुफा में दफनाया गया है। प्रभु ईशु ने मरथा को आदेश दिया कि तुम मुझे उस गुफा के पास ले चलो। तब मरथा प्रभु ईशु को उस गुफा के पास ले गई जहां पर लाज़र को कब्र में दफना गया था। गावं वाले भी पीछे-पीछे वहाँ आगए । प्रभु ईशु उस कब्र के पास जाकर खरे हो गए और काफी तेज आवाज में चिल्लाए - ऐ लाज़र तू कब्र से बाहर आ ! ऐ लाज़र तू कब्र से बाहर आ ! ऐ लाज़र तू कब्र से बाहर आ ! लाज़र तुरत कब्र से उठ कर बाहर आगया। सभी लोग प्रभु ईशु की प्रशंशा करने लगे। (धर्मशास्त्र , यूहन्ना ११:१-४६) भगवान नारायण ही वह ईशु हैं जिन्होंने मरे हुए को जीवित किया और कब्र से बाहर लाया। वही ईश्वर आज प्रभु कल्कि नाम से धरती पर अवतार लेकर आए हैं और आपको बुला रहे हैं। केवल यही ईश्वर आपको अनंत जीवन दे सकते हैं। इसलिए आप सभीलोग उन प्रभु कल्कि के नाम का जप और संकीर्तन करें।
प्रत्येक मनुष्य को मृत्यु से डर लगता है। वह मरना नहीं चाहता है। क्योंकि शरीर से प्राण निकलने वक्त इतना असहनीय पीड़ा होती है जिसका तुलना १००० बिच्छू के एक साथ डंक मारने से किया गया है। किसी भी जतन से या किसी भी ट्रिक से डर का भय नष्ट नहीं हो सकता है । जो जन्म लिया उसकी मृत्यु निश्चित है। कोई भी मनुष्य अपने आपको मृत्यु से नहीं बचा सकता। परन्तु इस धरती पर केवल एक ही हैं जो हम सबको मृत्यु से बचा सकते हैं। इस धरती पर केवल एक ही हैं जो हम सबको मृत्यु के भय से बचा सकते हैं। वह कोई और नहीं बल्कि ईश्वर हैं जो भारत के पुण्य भूमि पर कल्कि नाम से अवतार लेकर आये हैं। वे आपको बुला रहे हैं। केवल यही हैं जो आपको अनंत जीवन का उपहार दे सकते हैं। चार हजार पंद्रह वर्ष पहले भगवान नारायण ईशु नाम से धरती पर अवतार लेकर आए जिसको दुनिया क्रिशचन का भगवान कहते हैं जबकि वे सम्पूर्ण मानव जाति के लिए दुनिया में आये थे। उन दिनों वहां मरियम , मरथा और लाज़र नाम का तीन अनाथ रहा करते थे। प्रभु ईशु उन तीनों को बहुत प्यार किया करते थे। लाज़र मरथा का भाई था। प्रभु ईशु ने उन तीनों को चुन लिया था। एक दिन मरथा का भाई लाज़र बहुत वीमार हो गया। उसकी वीमारी ठीक नहीं हुई और एक दिन वह मर गया। मरथा प्रभु ईशु को खबर भेजी कि उसका भाई लाज़र मर गया है। परन्तु प्रभु इशु नहीं आये। वे लाज़र के मृत्यु के तीन दिन बित जाने के बाद आए। तब तक लोग लाज़र को कब्र में दफना चुके थे। प्रभु इशु जब वहां पहुँचे तब उन्होंने देखा कि मरथा रो रही है , मरियम रो रही है , गावँ वाले रो रहे हैं। प्रभु ईशु का हृदय रुदन सुन कर पिघल गया। प्रभु ईशु भी रोने लगे। तब प्रभु ईशु ने मरथा से पूछा कि लाज़र को तुमने कहाँ दफनाया है ? मरथा प्रभु ईशु से बतायी कि लाज़र को एक गुफा में दफनाया गया है। प्रभु ईशु ने मरथा को आदेश दिया कि तुम मुझे उस गुफा के पास ले चलो। तब मरथा प्रभु ईशु को उस गुफा के पास ले गई जहां पर लाज़र को कब्र में दफना गया था। गावं वाले भी पीछे-पीछे वहाँ आगए । प्रभु ईशु उस कब्र के पास जाकर खरे हो गए और काफी तेज आवाज में चिल्लाए - ऐ लाज़र तू कब्र से बाहर आ ! ऐ लाज़र तू कब्र से बाहर आ ! ऐ लाज़र तू कब्र से बाहर आ ! लाज़र तुरत कब्र से उठ कर बाहर आगया। सभी लोग प्रभु ईशु की प्रशंशा करने लगे। (धर्मशास्त्र , यूहन्ना ११:१-४६) भगवान नारायण ही वह ईशु हैं जिन्होंने मरे हुए को जीवित किया और कब्र से बाहर लाया। वही ईश्वर आज प्रभु कल्कि नाम से धरती पर अवतार लेकर आए हैं और आपको बुला रहे हैं। केवल यही ईश्वर आपको अनंत जीवन दे सकते हैं। इसलिए आप सभीलोग उन प्रभु कल्कि के नाम का जप और संकीर्तन करें।