MAHA UPADESH OF AADISHRI, PART - 20 / आदिश्री अरुण का महा उपदेश, भाग - 20


 आदिश्री अरुण का महा उपदेश, भाग - 20


(आदिश्री अरुण)

MAHA UPADESH OF AADISHRI, PART - 20 / आदिश्री अरुण का महा उपदेश, भाग - 20


क्या संसार में केवल सुख का होना संभव नहीं है केवल सुख का होना संभव है - क्योंकि प्रत्येक आत्मा का लक्ष्य तो 

केवल सुख की प्राप्ति ही तो है - पमानन्द की प्राप्ति । किन्तु आप सुख नहीं बल्कि सुख को प्रदान करने वाली वस्तुओं 

को एकत्रित करना जीवन का उद्देश्य मान लेते हो। जिन वस्तुओं को आप सुख का स्रोत समझ कर एकत्र करना चाहते 

हो वह सब नहीं रहेंगे । जो इस सत्य को जानते हुए भी इस रोग का नाश नहीं करते वो सदैव इन वस्तुओं को खोने के 

भय में जीते हैं और जो व्यक्ति इस सत्य को जानते ही नहीं वह अहंकार में जीते हैं। जहाँ अहंकार और भय उपस्थित

हो वहाँ सुख किस प्रकार रह सकता है 

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