क्या पूरे विश्व में केवल एक ही जगह है नारायणगृह ?
आदिश्री अरुण
पूरे विश्व में केवल जगह भारत के इन्द्रप्रस्थ (अर्थात दिल्ली ) की पूण्य भूमि - पूठ खुर्द में स्थित है नारायणगृह। पूठ खुर्द के पूण्य भूमि पर आदिश्री अरुण जी ने नारायण गृह का निर्माण करवाया और उसे विश्व स्तर पर पेटेन्ट करवाया ताकि इस नाम से कोई भी आदमी भगवान कल्कि जी के लिए भवन बनवा नहीं पाए । लोगों ने मंदिर बनवाया, मस्जिद बनवाया, गिरजाघर बनवाया लेकिन भगवान कल्कि जी के विश्राम के लिए किसी ने भी पूरे पृथ्वी पर घर नहीं बनवाया; इसी कारण भगवान कल्कि जी के विश्राम करने के उद्देश्य से आदिश्री अरुण जी ने नारायण गृह बनवाया । जब नारायणगृह बनकर तैयार हो गया तब भगवान कल्कि जी ने आदिश्री से कहा कि कि "चुकि लोगों ने मेरे नाम को जान लिया है इसलिए नारायणगृह के बीच में मैं ज्योति रूप से प्रकट होऊँगा और नारायणगृह में आने वाले श्रद्धालुओं की प्रार्थना को सुना करूँगा।" उन्होंने श्रद्धालुओं में भगवान कल्कि जी के प्रति श्रद्धा, भक्ति और प्रेम जगाकर भगवन कल्कि जी की पूजा करवाना शुरू किया । इसके पीछे उनका एक ही मकसद था कि जो फल सत्य युग में धयान करने से, त्रेता में यज्ञ करने से और द्वापर में विधि पूर्वक पूजा करने से मिलता है वह फल कलियुग में केवल श्री हरि के नाम के संकीर्तन से ही मिल जाता है । महादेव जी ने पार्वती जी से कहा कि "कलियुग में केवल हरि नाम ही संसार समुद्र से पार लगाने वाला है ।"