What is 14 Message For the End Time of the World ? / संसार के अंत समय के लिए क्या है 14 सन्देश ?

संसार के अंत समय के लिए क्या है 14 सन्देश ? 

ईश्वर पुत्र अरुण 

What is 14 Message For the End Time of the World ?
संसार के अंत समय के लोगों के लिए  का 14 सन्देश निम्नलिखित है :


(1) ईश्वर के आगमन के उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता - न स्वर्ग के दूत,और न पुत्र, परंतु केवल पिता। (धर्मशास्त्र, मत्ती 24:36)   धर्मशास्त्र यह भविष्यवाणी करता है कि ईश्वर के आने का वह समय आश्चर्य चकित कर देने वाला है। चोर की तरह छिप कर  ईश्वर का आना होगा ।(धर्मशास्त्र, 2 पतरस  3:10)


वास्तव में उस दिन  के बारे में यह भविष्यवाणी किया गया है कि "जैसे रात में चोर आता है, उसी तरह  प्रभु का भी आगमन होगा " (धर्मशास्त्र, 1 थिस्सलुनीकियों 5:2) 
उस समय लोग कहते होंगे कुशल है और कुछ भय नहीं तो उन पर एकाएक विनाश आ पड़ेगा । (धर्मशास्त्र, 1 थिस्सलुनीकियों 5:3), ईश्वर हम लोगों को कष्ट पाने के लिए उस दिन को नियुक्त नहीं किया है बल्कि उद्धार पाने के लिए  उस दिन को नियुक्त  किया है। (धर्मशास्त्र, 1 थिस्सलुनीकियों 5:9)


(2) उस दिन विनाश के तुरत बाद सूर्य अँधेरा हो जाएगा, चाँद  अपना रोशनी नहीं देगा और तारे आकाश से गिर पड़ेंगे । (धर्मशास्त्र, मत्ती 24:29)


(3) धर्मशास्त्र, प्रेरितों के काम 2:20 तथा योएल 2:31 में यह भविष्यवाणी किया गया है कि - ईश्वर के उस महान दिन आने के पहले सूर्य अँधेरा और चाँद लहू के जैसा लाल हो जाएगा । 
प्रकाशित वाक्य 6 :12 -14  में यह भविष्यवाणी किया गया है कि - जब उसने 6ठी मुहर खोली तो मैंने देखा कि एक बड़ा भूकंप हुआ, सूर्य कम्बल की  तरह कला और चाँद लहू के जैसा लाल हो गया । आकाश के तारे पृथ्वी पर ऐसे गिर पड़े जैसे बड़ी आंधी से हिल कर अंजीर के पेड़ में से कच्चे फल झड़ते हैं । आकाश ऐसे सरक गया जैसे पत्र लपेटने से सरक जाता है और हरएक पहाड़, और टापू अपने स्थान से खिसक गया ।  


(4) धर्मशास्त्र, प्रकाशित वाक्य 13:17 में यह भविष्यवाणी किया गया है कि  "कोई आदमी लेन - देन न कर सके, इससे बचने के लिए (बुद्धिमानी इसी में है कि) इसको अपनाएँ या शैतान के नम्बर (अंक) को अपना लें ।
अब बुद्धिमानी से इस बारे में सोचिए - जो शैतान के नम्बर (अंक) को अपने माथे पर न ले वह  लेन - देन या खरीद - बिक्री न कर सकेगा । इसलिए इस भविष्यवाणी को पूरा होने के लिए क्या होगा कि लोगों को लेन - देन या खरीद - बिक्री रोक दे ? क्या लोगों को रुपये रखने के अधिकार से बंचित होना पड़े ? लोगों को इसके स्थान पर लेन - देन या खरीद - बिक्री के लिए एलेक्ट्रिक मशीन का प्रयोग करना होगा । जो शैतान के  बातों को न माने तो उसके एकाउण्ट को  इस प्रक्रिया से बटन दबा कर सील करना बहुत आसान होगा । क्या पहले कभी ऐसा हुआ था ? नहीं, क्योंकि ऐसा करने के लिए हम लोगों के पास साधन नहीं था। लेकिन आज ऐसा करने के लिए साधन है और आज इस साधन को अपनाने के लिए लोगों के ऊपर दबाब बनाया जा सकता है । 
ऐसा परिस्थिति क्यों आया इस बात को लोग भूल चुके  हैं । क्या आपने इस बात के बारे में सोचा है ? शैतान के इस साधन को अपनाने से क्या होगा ? यदि लोग शैतान के इस साधन को अपनाने से इनकार करेगा  तो वह लेन - देन या खरीद - बिक्री नहीं कर सकेगा । ऐसा विश्वस्तर पर साधन बन जाएगा कि खरीद - बिक्री के लिए लोग रूपये की जगह एलेक्ट्रोनिक मशीन का उपयोग करेगा । स्वीडेन, नाइजीरिया, इजराइल इत्यादि देशों में यह साधन प्रचलित हो चुके हैं  । ऐसा करने के लिए कौन बाध्य करेगा ? धर्मशास्त्र यह कहता है कि  वह शैतान का बेटा होगा या पाप का पुत्र होगा ।
ऊपर वर्णित कुछ देशों के अलावा भारत में भी यह प्रक्रिया (टेक्नोलॉजी ) लागू करने के लिए जबरदस्ती किया गया है । अगर गौर से देखेंगे तो पता चलेगा कि आज वर्तमान में सारे देश में चारों ओर कैशलेस सोसाइटी बनाने के लिए वित्तीय उथल-पुथल मचा है । ऐसा करके लोगों को  शैतान के चिन्ह को लेने के लिए अर्थात कैशलेस सिस्टम को अपनाने के लिए जबरदस्ती किया जा रहा है । ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि आप अन्त के दिनों  में प्रवेश कर चुके हैं । आपके नहीं चाहने से कुछ भी फर्क नहीं पड़ेगा ।


(5) धर्मशास्त्र, 2 तीमुथियुस 3:1-5  में यह भविष्यवाणी किया गया है कि अंतिम दिनों में कठिन समय आएँगे क्योंकि मनुष्य अपस्वार्थी, लोभी, डींगमार, अभिमानी, निन्दक, माता - पिता कि आज्ञा को टालने वाला, कृतघ्न, अपवित्र, मायारहित, क्षमारहित, दोष लगाने वाला, असंयमी, कठोर, भले का बैरी, विश्वासघाती, ढीठ, घमंडी और परमेश्वर के नहीं वरन सुखविलास के ही चाहने वाले होंगे । वे भक्ति का भेष तो धरेंगे पर उसकी शक्ति को न मानेंगे ; ऐसे से परे रहना। अभी वर्तमान समय में ऐसा  ही खतरनाक समय आचुका है और अत्यधिक ख़राब स्थिति  होने के लिए ऐसा  ही खतरनाक समय बरकरार रहेगा । आज चारों ओर सारे संसार में 
विरोध प्रदर्शन, दंगों और बगावत हो रहे हैं । आज विश्वस्तर पर आर्थिक संकट मंडरा रहे हैं और सब कुछ नष्ट हो जाने के लिए तैयार है । ऐसा  इसलिए हो रहा है क्योंकि सत्ता और शक्ति शैतान के हाथ में आचुका है । तो अब यह प्रश्न उठता है कि इस संकट से कौन उबार सकता है ?  इसका कोई हल नहीं है।  इसका निराकरण सोचना अपने आप को धोखा देना होगा ।


(6) धर्मशास्त्र, मत्ती  24:6 -7 में यह भविष्यवाणी किया गया है कि  तुम लड़ाइयों  और लड़ाइयों की  चर्चा सुनोगे  । देखो घबरा न जाना  क्योंकि इनका होना आवश्यक है, परंतु उस समय अन्त न होगा । क्योंकि जाति पर जाति और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा; जगह - जगह अकाल पड़ेंगे और भूकंप होगा । आज वर्तमान समय में ऐसी स्थिति सब जगह बरकार है । सब जगह  भुखमरी, भूकंप, लड़ाइयाँ की चर्चाएँ हो रही है । देश के अनेक स्थान में भूकंप आ रहे  हैं । जुलाई 2016 से    देखा जाय तो अभी तक एक महीने में लगभग 3,090 जगह भूकंप आ चुके हैं ।


(7) धर्मशास्त्र, दानिय्येल 12:4 में यह भविष्यवाणी की गई है कि तू इस पुस्तक पर मुहर लगा के इन वचनों को अन्त समय के लिए बन्द रख  । बहुत लोग पूछ - पाछ और ढूंढ़-ढांढ करेंगे , और इससे ज्ञान भी बढ़ जाएगा ।
यह भविष्यवाणी संसार के अन्त के समय के लिए की गई है। इस भविष्यवाणी में दो बातें कही गई है -
(1) लोगों को धर्मशास्त्र का ज्ञान बढ़ जाएगा। आज आप देख रहे हैं कि  धर्मशास्त्र का रहस्यमय ज्ञान खोला जा चुका  है और
(2) लोगों को संसार का ज्ञान बढ़ जाएगा।
इस समय आप देख सकते हैं कि 50 वर्ष  की तुलना में आज विज्ञान  और प्रौद्योगिकी का ज्ञान कितना अधिक बढ़ चुका  है।


(8) आज आप  सावधानी पूर्वक विचार कीजिए कि धर्मशास्त्र अध्याय 13  की जो भविष्यवाणी थी "जो शैतान का छाप नहीं लेगा वह लेन - देन या खरीद - बिक्री नहीं कर सकेगा" वह पूरा हो चुका  है  । आप लोगों को कैश रखने का अधिकार आपसे छीन लिया गया है । इसके जगह पर एलेक्ट्रोनिक मशीन से पेमेंट करने के लिए कहा गया है। अब जो शैतान का बात मानने से इन्कार करेगा  उसके एकाउण्ट को बटन दबा कर बड़ी आसानी से सील किया जा सकेगा । चुकि कैश के बिना लोग रह नहीं सकेंगे  । इसलिए शैतान को लोगों  से अपनी बातें मनवाना आसान हो जाएगा ।

    
(9) धर्मशास्त्र, मत्ती 24:21-22 में ईश्वर ने कहा कि उस समय ऐसा भारी क्लेश होगा, जैसा जगत के आरम्भ से अब तक न हुआ और न कभी होगा। यदि वे दिन घटाए न जाते , तो कोई प्राणी न बचता, परंतु चुने हुओं के कारण  घटाए जाएँगे । बहुत सारे लोगों ने अपना दावा पेश किया है और बहुत सारे लोगों का मानना है कि ये घटना वर्तमान समय में घट रहा है और बहुत सारे लोगों का मानना है कि ये घटना आने वाले समय में घटेगा । बहुत सारे लोगों का मानना है कि ना इलाज वीमारी का फैलना, भुखमरी, आतंकवाद का फैलना और न्यूकिलीयर बम का धमकी दिया जाना यह सब इसी समय को दरसाता  है । ईश्वर ऐसे खतरनाक समय से हमलोगों को बचाये हुए हैं क्योंकि धर्मशास्त्र में यह भविष्यवाणी किया गया है कि - चाहे जो कुछ भी हो, जो लोग ईश्वर में विश्वास करेगा उसको ईश्वर के द्वारा उद्धार एवं अनंत जीवन का उपहार दिया जाएगा । (धर्मशास्त्र, यूहन्ना 3:16)


(10) हम लोग यहाँ ईश्वर के आने के समय का अथवा कठिन समय उपस्थित होने के दिन का तिथि और समय निर्धारित करने के लिए नहीं बैठे हैं । यहाँ हम आपको केवल सावधान कर रहे हैं कि " लोगों के सामने ईश्वर के आने का समय नजदीक है, बल्कि ऐसा समझो कि यह समय द्वार पर खड़ा है। (धर्मशास्त्र, मत्ती 24:33)

  
(11) यदि आप भविष्यवाणी के सभी पहलुओं पर गौर फरमाएँगे तो आपको पता चलेगा कि हमारे जेनरेशन के सभी लोग इस बात को जानते हैं कि हम लोग अन्त के दिनों में रह रहे हैं और ईश्वर लोगों के सम्मुख जल्द प्रकट होंगे  । समस्या  यह है कि शैतान कैसे देख पाएगा कि  सभी  लोग संसार के अन्त दिनों के समीप हैं । जो लोग संसार के पूर्णताया नष्ट हो जाने का समय, तिथि और दिन  की  भविष्यवाणी किया वह सब झूठा हो गया और बहुत सारे लोग इस सत्य  पर यकीन नहीं करेंगे और बहुत सारे लोग ईश्वर को अपना कर छोड़ चुके हैं  । इसका कारण  यह है कि हम लोग अब संसार के  अन्त के  दिनों में पहुँच चुके हैं । धर्मशास्त्र में यह  स्पष्ट कहा गया है कि जब इस घटनाओं  के चिन्ह को देखो तो समझ जाओ कि संसार का अन्त नजदीक है ।


(12) आध्यात्मिकता को बढ़ते हुए देखना - धर्मशास्त्र, 1 तीमुथियुस 4:1 में यह भविष्यवाणी किया गया है कि " आनेवाले समयों में बहुत से लोग भरमाने वाली आत्माओं और दुष्टात्माओं की  शिक्षाओं पर मन लगाने के कारण विश्वास से बहक जाएँगे । आज आप देखिए कि कितने अध्यात्म पर उपदेश देने वाले हो चुके हैं और संसार में कितने लोग संस्थाओं को स्थापित कर झूठे उपदेश देने के लिए  विचरण कर रहे हैं ? ऐसा क्यों हो रहा है ? क्योंकि झूठे उपदेशक संसार में उठ कर खड़ा हो गए हैं और गलत तरह से अविनाशी आत्मा के बारे में उपदेश करते हैं ।


(13) प्राकृतिक प्रकोप के बारे में धर्मशास्त्र , लूका  21:25-26 में यह भविष्यवाणी किया है कि सूरज, चाँद और तारों में चिन्ह दिखाई देंगे । पृथ्वी पर और देश - देश के लोगों पर संकट होगा क्योंकि वे समुद्र के गरजने और लहरों के कोलाहल से लोग घबरा जाएँगे ।
भय के कारण और संसार पर आने वाली घटनाओं का इन्तजार करते - करते लोगों के जी में जी नहीं रहेगा क्योंकि आकाश कि शक्तियां हिलाई जाएगी । धर्मशास्त्र की सभी भविष्यवानियाँ आज के वर्तमान समय में  घटते हुए हम सब देख रहे हैं । प्रत्येक  वर्ष संसार में प्राकृतिक प्रकोप को उपस्थित होते सब लोग देख रहे हैं ।


(14) धर्मशास्त्र, प्रकाशित वाक्य 11:18 में यह भविष्यवाणी किया गया है कि अन्य जातियों ने क्रोध किया, और तेरा प्रकोप आ पड़ा और वह समय आ पहुँचा है  कि मरे हुए का न्याय किया जाय, और तेरे दास भविष्यवक्ताओं और पवित्र लोगों को और उन छोटों - बड़ों को जो तेरे नाम से डरते हैं, बदला दिया जाए, और पृथ्वी को बिगाड़नेवाले नाश किये जाएँ । आज आप देख रहे हैं कि पृथ्वी को बिगाड़ने  और पृथ्वी को नाश करने के लिए विभिन्न देशों के लोग अनेक तरह के परमाणु बम, रारायनिक हथियार इत्यादि लेकर  बैठे हैं। ऐसे लोगों के साथ ईश्वर क्या करेंगे ? उनको नष्ट किया जायेगा - यह भविष्यवाणी आप जान चुके  हैं।

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