क्या है आदिश्री अरुण जी का पाँच विचारधारा ?
पाँच विचारधारा आदिश्री अरुण जी की शिक्षाओं का मुख्य केन्द्र है। इन 5 सत्यों को समझ पाना बेहद आसान है। यह मानव जीवन से जुड़े बेहद आम बातें हैं जिनके पीछे छुपे गूढ़ रहस्यों को आप कभी समझ नहीं पाते। यह 5 सत्य निम्नलिखित हैं:
(1) दुख :- जीवन का अर्थ ही दुख है। जन्म लेने से लेकर मृत्यु तक मनुष्य को कई चरणों में दुख भोगना पड़ता है।
(2) चाहत :- दुख का कारण चाहत है। मनुष्य के सभी दुखों का कारण उसका कार्य, मोह या व्यक्ति के प्रति लगाव ही है।
(3) दुखों का अंत संभव है :- कई बार मनुष्य अपने दुखों से इतना परेशान हो जाता है कि आत्म हत्या भी कर लेता है। मनुष्य को यह समझना चाहिए कि उसके दुखों का अंत संभव है।
(4) दुखों के निवारण का मार्ग :- सूरत शब्द योग ही मनुष्य के समस्त दुखों के निवारण का मार्ग है। इस मार्ग पर चल कर मनुष्य अपने समस्त दुखों से छुटकारा पा सकता है।
(5) आदिश्री अरुण की शिक्षा मुक्ति प्राप्ति के लिए वरदान है।