3 अक्टूबर 2016 को , स्थान: सामुदायिक भवन रोहिणी सेक्टर - 5 (रिठाला मेट्रो स्टेशन के नजदीक) ईश्वर पुत्र अरुण जी के सानिध्य में भव्य प्रकाश का त्यौहार मनाया गया और वेद, गीता, बाइबल, कुरान तथा गुरुग्रंथ साहिब से केवल एक वेद का उपदेश किया गया।
ईश्वर पुत्र आदिश्री अरुण जी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि - "आज से 26 वर्ष पहले, दिनांक 3 अक्टूबर 1990 को भारत की राजधानी दिल्ली में मैंने नारायणा ध्वज लहराया और सभा बुलाकर लोगों से कहा कि - उठ, प्रकाशवान हो क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है । देख, पृथ्वी पर तो अँधियारा और राज्य - राज्य के लोगों पर घोर अन्धकार छाया हुआ है , परंतु तेरे ऊपर परमेश्वर का तेज उदय होगा । अपनी आँख उठाकर चारों ओर देख, वे सबके सब इकट्ठे होकर ईश्वर पुत्र के पास आ रहे हैं, लोग दूर - दूर से आ रहे हैं और वे ईश्वर के नई आज्ञा को मानेंगे जो ईश्वर पुत्र के द्वारा दिया जाएगा ।"
ईश्वर पुत्र आदिश्री अरुण जी ने लोगों से कहा कि परमेश्वर तुमको ऊँचे स्थान पर रखेंगे क्योंकि तुम परमेश्वर के नाम को जान लिए हो । परमेश्वर ने कहा है कि वह पुकारे तब मैं उसकी सुन लूंगा । संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसे बचाकर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा ।
जो लोग अंधियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी।
आदिश्री अरुण जी लोगों को संबोधित करते हुए कहे कि - ईश्वर ने कहा है कि "तुम मेरे लिए दिल का दरवाजा खोलकर देख, मैं तेरे द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ। यदि कोई मेरा शब्द सुनकर दरवाजा खोलेगा तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा ।" ईश्वर आपके डायनिंग हॉल में आपके साथ भोजन करने के लिए डायनिंग टेबल पर बैठेंगे और आपको शांति प्रदान करेंगे क्योंकि सारा झगड़ा भोजन के वक्त ही होता है । पत्नी कहती है कि तुमने कितना रूपये कमाकर लाया कि मैं तुमको अच्छा - अच्छा भोजन बनाकर खिलाऊँ । मैंने जो कहा तुमने उसको नहीं किया, तुम्हारी बहु मेरा कहना नहीं मानी , तेरा बेटा यह नहीं किया, तेरा बेटा वह नहीं किया, घर के इस काम को तुमने नहीं किया, घर के उस काम को तुमने नहीं किया .... इत्यादि - इत्यादि । भोजन के समय ही सब लड़ाई होती है और शान्ति ख़त्म हो जाता है । जहाँ पांच रोटी खाने की भूख होती है वहां दो रोटी खा कर उठ जाते हो । परमेश्वर ने कहा कि यदि मैं तुम्हारे पास तुम्हारे डायनिंग टेबल पर बैठूंगा तो झगड़ा के स्थान पर मैं तुम्हें शांति दूंगा । मैं तेरे अन्न और जल पर आशीष दूंगा और वे तेरे बीच में से सब रोगों को दूर करेगा ।