आदिश्री अरुण: जब आप आत्मविश्वास और निडरता का रास्ता चुनोगे तो सारी रूकावटें अपने आप दूर
हो जाएगी । डररहित सकारात्मक सोच के बिना जिंदगी अधूरी है । डररहित सकारात्मक सोच की शक्ति से घोर अन्धकार को भी आशा
की किरणों से रौशनी में बदला जा सकता है। आपके विचारों पर आपका स्वंय का नियंत्रण होता है इसलिए यह आप को ही तय करना होता है कि आपको डररहित सकारात्मक सोचना है या भयभीत होकर नकारात्मक। डररहित सकारात्मकता की शुरुआत आशा और विश्वास से होती है। किसी जगह पर चारों ओर अँधेरा है और कुछ
भी दिखाई नहीं दे रहा और वहाँ पर अगर
आप एक छोटा सा दीपक जला देंगे तो उस दीपक में इतनी शक्ति है कि वह छोटा सा दीपक चारों ओर फैले अँधेरे को एक पल में
दूर
कर देगा। ठीक इसी
तरह
आशा
की एक किरण भयभीत कर देने वाले सारे नकारात्मक विचारों को एक पल में मिटा सकती है। सकारात्मक सोचना या न सोचना आपके मन के नियंत्रण में है और आपका मन आपके नियन्त्रण में है। अगर
आप अपने मन से नियंत्रण हटा लेंगे तो मन अपनी मर्जी करेगा और आपको पता
भी नहीं चलेगा की कब कब आपके मन में
नकारात्मक पेड़ उग गए हैं ।
आज नयी शुरुआत करने और पुरानी गलतियों को भुलाने का दिन है। आज का दिन
अच्छाई की शुरुआत का दिन
है।सभी आदतों में एक बात
कॉमन है और वह यह है कि बुरी आदतों के कारण व्यक्ति का स्वंय पर नियंत्रण नहीं रहता। इसलिए आज आप एक अच्छी आदत डालिए - "आपको डररहित सकारात्मक सोचना है।"