आपकी अभिलाषा जीवन रूपी भाप को इन्द्रधनुष
के रंग देती है। कोई भी अभिलाषा निरर्थक नहीं
होती। क्योंकि जब अभिलाषा होगी तभी आप कर्म करने के लिए प्रेरित होंगे । लेकिन आप अभिलाषाओं
से ऊपर उठ जाओ वे पूरी हो जायंगी, मांगोगे तो उनकी पूर्ति आपसे और दूर जा पड़ेंगी।
यदि अभिलाषा ही घोडा बन सकती तो प्रत्येक मनुष्य घुड़सवार हो जाता। वास्तविक सच यह
भी है कि अभिलाषा सब दुखों का मूल है
.......... आदिश्री अरुण
आपकी अभिलाषा
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