आपको अपने भीतर से ही
विकास करना होता है।
भूतकाल में मत उलझो,
भविष्य के सपनों में मत खो
जाओ। वर्तमान पर ध्यान
दो । यही खुश रहने का
रास्ता है। महत्वपूर्ण होता है लक्ष्य की यात्रा अच्छे से करना । आप चाहें जितनी
भी किताबें पढ़ लें,
कितने भी अच्छे शब्द सुन लें उनका कोई फायदा नहीं जब तक
कि आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते। असफलता के बाद भी निराश नहीं
हो बल्कि एक नए उत्साह और समर्पण के साथ आगे बढ़ते रहो। अन्त में आपको
अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और आप जश्न मनाते
हुए घूमेंगे - आदिश्री अरुण