विचारवान और उत्साही व्यक्तियों का एक छोटा सा समूह इस संसार को बदल
सकता है। वास्तव में इस संसार को छोटे से समूह ने ही बदला है इस बात पर संदेह नहीं करना चाहिये क्योंकि ईश्वर पुत्र के विचार निरर्थक नहीं होते ।मुट्ठीभर संकल्पवान लोग, जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था एवं विश्वास है, इतिहास की धारा को बदले हैं। इसलिए धरती पर एक जाती , एक धर्म और केवल एक भगवान की क्रान्ति अवश्य आएगी ।
केवल वही विजयी हो सकते हैं जिनमें विश्वास होंगे। शोक मनाने के लिये नैतिक साहस चाहिए और आनंद मनाने के लिए धार्मिक साहस। ईश्वर पुत्र अरुण ने धार्मिक साहस को कूट - कूट कर तुम्हारे अंदर भरा है । यह सच जान
ले कि अनुभव की पाठशाला में जो पाठ
सीखे जाते हैं, वे पुस्तकों और विश्वविद्यालयों में
नहीं मिलते। ईश्वर पुत्र अरुण के अनुसार अनुभव की प्राप्ति के लिए
काफी मूल्य चुकाना परता है पर उससे जो शिक्षा मिलती है वह और कहीं नहीं मिलती।
हम हवा का रूख तो नहीं बदल सकते लेकिन उसके अनुसार अपनी नौका के पाल
की दिशा ज़रूर बदल सकते हैं। तुम्हारी असफलता यह बताती है कि सफलता का प्रयत्न पूरे मन से नहीं किया गया। मानव की बहिर्मुखी भावनाओं का प्रबल प्रवाह जब रोके नहीं रुकता तो आस्था और विश्वास पर सवार जोसिला विचार की आंधी कैसे थम सकती वह तो वाड़ा भी फांद जाएगा - आदिश्री अरुण