जैसे
- जैसे आप स्वंय पर नियंत्रण रखने की शक्ति खोते चले जाते हैं वैसे - वैसे आप सही गलत को पहचान करने में असफल होते जाते हैं।
ऐसी स्थिति में आप खुद को नियंत्रित नहीं करतेबल्कि परिस्थितियां आपको नियंत्रित करने लगती है। आप वो करने लगते हैं जो आलस्य, डर, तनाव, लालच, क्रोध, घमंड और इर्ष्या
आपसे करवाना चाहते हैं।
मैं आपको ईश्वर से जोड़ने की बात ही नहीं कहूंगा क्योंकि
आप ईश्वर में तब तक विश्वास नहीं कर पाएंगे जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करते
हैं । मैं तो सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि मन को शांत करने के लिए प्रयास करने की जरूरत नहीं
है बल्कि आपको अपने प्रयास छोड़ने की जरूरत होती है और यही मेडिटेशन का उद्देश्य होता है । मेडिटेशन
खुद पर नियंत्रित रखने एंव सेल्फ रियलाइजेशन का एक साधन है जो आपके जिंदगी को आसान एंव आनंदमय बना सकता है। मेडिटेशन से आपका आत्मविश्वास और कंसंट्रेशन बढ़ता है जिससे आपको समस्याओं के प्रति नजरिया बदल जाता है। आप समस्याओं को रचनात्मक तरीकों से बड़ी आसानी से हल
कर सकेंगे जिससे आपका तनाव कम हो जाएगा। मन को शांत करने के लिए प्रयास करने की नहीं बल्कि
प्रयास छोड़ने जरूरत होती है और यही मेडिटेशन का उद्देश्य होता है ।
मेडिटेशन
मन की एक सहज अवस्था है जिससे आपके भीतर का खालीपन दूर होता है। यह आपके
जिंदगी को बदल देगा जिससे आप भौतिक वस्तुओं में खुशियाँ ढूँढना छोड़कर खुश रहना
सीख जाएँगे । आपके जीवन का हर पल खुशनुमा हो
जाएगा और आप वर्तमान में जीना सीख जाएँगे ।
जब
आपका मन शांत एंव संतुष्ट होगा तो आपका कंसंट्रेशन बढ जाएगा
जिससे आप समस्याओं को बेहतर तरीके से हल कर
पाएँगे और उन्ही समस्याओं में आपको संभावनाएं
दिखने लगेगा। लेकिन इसके लिए शब्द सूरत योग बहुत ही अधिक उपयोगी है - आदिश्री अरुण