सुन ले अरज हमारी

कलियुग बिता  या नहीं बिता इसकी जानकारी तो सबको नहीं  है,  लेकिन तुम  सभी  कलियुग में हो  इस बात की जानकारी तो सबको है। जब तुम  सब कलियुग में रह रहे हो  तो तुम कलियुगमें भगवन नारायण के "कल्कि  नाम " के रहते अन्य - अन्य नाम को क्यों जपते हो ? गंगा जल के रहते गड्ढ़ा क्यों खोदते हो ? अमृत समान कामधेनु गाय के दूध के रहते बकड़ी क्यों दुहते हो ? जब, पद्म पुराण, पाताल  खण्ड पे ० न ० 565 में   पार्वती जी ने महादेव जी से पूछा - कृपानिधे ! विषय रूपी ग्राहों से भरे हुए भयंकर कलियुग के  आने पर संसार के सभी मनुष्य पुत्र, स्त्री और धन आदि की चिंता से व्याकुल रहेंगे, ऐसी दशा में उनके उद्धार का क्या उपाय है ? यह बताने की कृपा कीजिये। तब महादेव जी ने कहा - देवी ! कलियुग में केवल हरि  नाम ही संसार समुद्र से पार लगाने वाला है - फिर अन्य - अन्य देवताओं की पूजा क्यों करते हो ?

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